Chhapra: भारत में एक मई को 1923 को मजदूर दिवस मनाना शुरू किया गया था. इसकी शुरूआत भारती मज़दूर किसान पार्टी के नेता कामरेड सिंगरावेलू चेट्यार ने शुरू की थी. इसी उपलक्ष्य में वर्षों से एक मई को मजदूर (श्रमिक दिवस) मानते आ रहे हैं. मजदूर भारत निर्माण के रीढ़ है. उनके बगैर देश निर्माण संभव नहीं हैं. किसी देश की तरक्की उस देश के कामगारों और किसानों पर निर्भर करती है. मज़दूरों और किसानों का देश भर में राज प्रबंध में बड़ा योगदान है. उक्त बातें समाजसेवी धर्मेन्द्र सिंह ने रसलपुरा गांव में अपने आवास परिसर में मजदूर दिवस पर मजदूरों-गरीबों के बीच खाद्य सामग्री वितरण करते हुए कही.
उन्होंने लॉकडाउन का पालन करते हुए डोरीगंज थाना की देखरेख में सोशल डिस्टेंस बनाकर कामगारों के लिए खाद्य सामग्री आटा, चावल, आलू, प्याज, नमक, तेल व अन्य जरूरी सामान दो सौ गरीब मजदूरों के बीच वितरण किया. उन्होंने लोगों से लॉकडाउन का पालन करने बल दिया और कहा कि कोरोना से लड़ने के लिए सरकार की मदद करें. सरकार जारी आदेश का पालन कर घर में रहे तो हम सुरक्षित है. आवश्यकता होने पर ही घर से बाहर निकले अन्यथा न निकलें. राज्य सरकार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बिहार में सराहनीय कार्य रहा जो बाहर फंसे प्रवासियों की आने के लिए केंद्र सरकार से पहल की. इस सरकार में विकास चहुंमुखी होती रही है. इस मौके पर कई सामाजिक लोग भी शामिल हुए.