भारतीय ज्योतिष में शनि ग्रह का एक महतवपूर्ण स्थान है. ज्योतिष शास्त्र में शनि ग्रह को विशेष दर्जा दिया गया है. शनिदेव को कर्मफल दाता, कलियुग का दंडाधिकारी कहा जाता है. अनुराधा नक्षत्र और उतरा भाद्रपद का स्वामी है इन्हे अलग अलग नाम से से जाना जाता है।
इन्हे कोई सूर्य पुत्र, मंदगामी, शनिचर, छायापुत्र ज्योतिष गणना के अनुसार, इस समय शनि कुम्भ राशि में गोचर कर रहे हैं। 17 जून को अपनी राशि कुम्भ राशि में वक्री होंगे। इस राशि का स्वामित्व शनि है। इनके वक्री होने के कारण व्यक्ति के जीवन पर काफी असर पड़ेगा। शनि जब वक्री होते है बहुत ही अशुभ माना जाता है।
नव ग्रह में सबसे धीमी चाल चलने वाला ग्रह है। एक राशि से दुसरे राशि बदलने में ढाई साल लगता है। शनि एक अशुभ प्रभावों से जहा व्यक्ति का जीवन बुरी तरह से प्रभावित करता है वही शुभ दिर्ष्टि पड़ने पर बहुत ही उचा लेकर जाता है यानि रंक से राजा बना देता है। सभी प्राणी को उचित न्याय करता है। कुंडली में शनि जिस घर में बैठते है उस घर को ठीक रखते है तथा जिस घर को देखते है उनको तकलीफ देते है, शनि के वक्री होने के कारण जलवायु पर काफी असर देखने को मिलेगा तूफान के साथ वर्षा खूब होगी फसल बरबाद होंगे।
शेयर बाजार में मंदी दिखाई देगा। शनि के महादशा तथाअंतर्दशा में अपने कर्म को ठीक रखना जरूरी होता है। शनि के गोचर में दान पुन करे लाभ मिलेगा।
कब करेगे शनि वक्री
17 जून 2023 दिन शनिवार समय रात्रि 10:47 मिनट अपनी राशि कुम्भ में वक्री होंगे फिर पुनः 04 नवम्बर 2023 को सुबह 08:25 को मार्गी होंगे।
आइये जानते है ग्रह वक्री कैसे होते है
नव ग्रह में सूर्य और चंद्रमा को छोड़कर सभी ग्रह वक्री होते है वक्री होने का मतलब उल्टी दिशा में गति करना यानि शनि कुम्भ राशि में है तो इनका चाल मकर राशि की तरफ देखेगे। जब ग्रह वक्री होते है तब इनका दिर्ष्टि का प्रभाव अलग अलग होता है ग्रह जब वक्री होते है तो अपना उच्च राशि में होने के बाद फल बराबरी के देते है। लेकिन नीच राशि वाले को उच्च का फल देता है ।
उपाय:
शनि की साढ़ेसाती मकर कुम्भ मीन राशि वाले को शनि की साढ़ेसाती एवं वृश्चिक, कर्क राशि वाले को शनि का ढैय्या चलेगी, में राशि के शिर पर, कुम्भ राशि के हिद्द्य पर मकर राशि के पैर पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव रहेगा।
उपाय
शनि स्त्रोत का पाठ करे।
शनिवार को पीपल के पेड़ में जल दे तथा प्रदोषकाल में दीपदान करे।
शनिवार को हनुमान चालीसा या या सुन्दरकाण्ड का पाठ करे।
काले घोड़े के नाल का अंगूठी बनाकर धारण करे।
चपल का दान करे।
बन्दर को चना के साथ गुड मिलाकर खिलाये।
गरीब को काला वस्त्र दान दे।
ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/9545290847