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#ModiInUS: अनेकता में एकता भारत की विशेषता: PM मोदी

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को बुधवार को संबोधित किया. वे देश के पांचवें ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्हें अमेरिकी कांग्रेस को संबोधन करने का मौका मिला है.

मोदी अमेरिका और दुनिया पर भारत के दृष्टिकोण को रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स के सदस्यों के सामने रखा. सदन में पहुंचने पर तालियों की गड़गड़ाहट के साथ प्रधानमंत्री का स्वागत किया गया. मोदी जब भाषण देने डायस पर पहुंचे और उनका नाम पुकारा गया तो सभी सांसदों ने खड़े होकर उनका अभिवादन किया और एक बार फिर तालियों से उनका स्वागत किया.

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित कर मैं खुद को सम्मानित महसूस कर रहा हूं. ये सदन लोकतंत्र का मंदिर है जिसने दूसरे देशों में लोकतंत्र को मजबूत किया है. मुझे यहां संबोधन का मौका देकर आपने दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र और उसकी सवा सौ करोड़ जनता का सम्मान किया है. भारत और अमेरिका के रिश्तों ने इतिहास की हिचक दूर की है. भारत मानवता की सेवा में इस भूमि की महिलाओं और पुरुषों के महान बलिदान की सराहना करता है. आज भारत एक साथ रहता है, एक साथ बढ़ता है और एक साथ उत्सव मनाता है.

उन्होंने कहा कि हमारा संविधान बिना किसी भेदभाव के सबको समान अधिकार देता है. भारत में सवा सौ करोड़ लोग बिना किसी भेदभाव के रहते हैं. महात्मा गांधी के अहिंसा के संदेश ने मार्टिन लूथर किंग को प्रभावित किया. कोई आश्चर्य नहीं कि अटल बिहारी वाजपेयी ने भारत और अमेरिका को स्वाभाविक साझीदार कहा था. मुंबई हमलों के वक्त US कांग्रेस ने जिस तरह भारत के साथ एकता दिखाई थी उसे भारत कभी नहीं भूल पाएगा. आपने बाधाओं को समझौते के पुल में बदलने में हमारी मदद की.

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारा सहयोग हमारे शहरों और नागरिकों को आतंकियों से बचाता है और हमारे क्रिटिकल इंफ्रास्ट्रक्चर की साइबर खतरों से रक्षा करता है. पिछले 10 साल में रक्षा खरीद तकरीबन 10 अरब डॉलर पहुंच गया है. आज अमेरिका में सीईओ, डॉक्टर, साइंटिस्ट यहां तक कि स्पैलिंग बी चैंपियन भी भारतीय मूल का है. अमेरिका की ताकत हमारे लिए गर्व की बात है, अमेरिका के हित में है मजबूत और खुशहाल भारत.

भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत है और ग्रोथ रेट 7.6 फीसदी है. ये हमारी साझा संपन्नता के लिए नए अवसर पैदा कर रही है. एशिया से अफ्रीका तक शांति चाहता है भारत. भारत की पश्चिमी सीमा से लेकर अफ्रीका तक आतंकवाद सबसे बड़ा खतरा बना हुआ है. इसके नाम अलग हो सकते हैं लश्कर, तालिबान या आईएसआईएस. अच्छे और बुरे में आतंकवाद को नहीं बांटा जा सकता. आतंकवाद को धर्म से नहीं जोड़ा जाना चाहिए. हम संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियानों में सबसे ज्यादा योगदान देने वालों में शामिल हैं.

बताते चलें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कल अमेरिका पहुंचे थे. ये प्रधानमंत्री बनने के बाद अमेरिका का उनका चौथा दौरा है. इससे पहले कल उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ मुलाकात की और व्हाइट हाउस में दोनों नेताओं की ओर से संयुक्त प्रेसवार्ता को भी संबोधित किया गया.

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