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इतिहास के पन्नों मेंः 21 सितंबर

संसार को शांति का संदेशः निरंतर बढ़ती हिंसा, तनाव, वैमनस्यता और बाजारवाद की विकृतियों के बीच दुनिया को जिस बेशकीमती चीज की सबसे ज्यादा जरूरत है, वह है- शांति। इसके विपरीत समय के साथ संघर्ष, टकराव और आपसी नफरत ने दुनिया पर अपनी गिरफ्त को और भी मजबूत किया है। हालांकि हर दौर ने दुनिया में शांति की जरूरतों को अपने तरीके से रेखांकित किया है।

संयुक्त राष्ट्र संघ ने 1981 में 19 सितंबर को विश्व शांति दिवस मनाने की घोषणा की। अगले साल 1982 में पहली बार इसे वैश्विक स्तर पर मनाया गया। उसकी थीम थी- ‘राइट टू पीस ऑफ पीपुल।’ संयुक्त राष्ट्र ने दुनिया के हर हिस्से में शांति का संदेश पहुंचाने के लिए कला से लेकर साहित्य, संगीत, सिनेमा और खेल की दुनिया की मशहूर हस्तियों को शांतिदूत नियुक्त किया हुआ है। सफेद कबूतरों को शांति का प्रतीक माना जाता है, भारत में शांति का संदेश देने के लिए सफेद कबूतर उड़ाये जाते हैं और शिक्षण संस्थानों में आमतौर पर शांति का संदेश देने वाले कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं।

अन्य अहम घटनाएंः

1784ः अमेरिका का पहला दैनिक समाचार पत्र (पेनसिलवेनिया पैकेट एंड जनरल एडवरटाइजर) प्रकाशित हुआ।

1857ः बहादुरशाह जफर द्वितीय ने अंग्रेजों के समक्ष आत्मसमर्पण किया।

1883ः अमेरिका और ब्राजील के बीच टेलीग्राफ सेवा की शुरुआत।

1956ः प्रमुख भारतीय फोटोग्राफर प्रबुद्ध दासगुप्ता का जन्म।

1964ः माल्टा ने ब्रिटेन से स्वतंत्रता हासिल की।

1991ः अर्मेनिया को सोवियत संघ से स्वतंत्रता मिली।

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