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इतिहास के पन्नों मेंः 20 मई

क्रांतिकारी विचारों के जनकः भारतीय स्वाधीनता संग्राम की दिशा तय करने में अहम किरदार निभाने वाली तिकड़ी ‘लाल-बाल-पाल’ में से एक विपिनचंद्र पाल का 20 मई 1932 को निधन हो गया। उन्हें भारत में क्रांतिकारी विचारों का जनक भी माना जाता है।

वे राष्ट्रवादी नेता के साथ-साथ शिक्षक, पत्रकार व लेखक भी थे। ‘लाल-बाल-पाल’ की तिकड़ी में शामिल लाला लाजपत राय, बाल गंगाधर तिलक और विपिनचंद्र पाल ने 1905 के बंगाल विभाजन का विरोध करते हुए अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ आंदोलन शुरू किया। अपने ‘गर्म विचारों’ के लिए मशहूर इन नेताओं ने अपने क्रांतिकारी विचारों से भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन को नयी दिशा दी। वे नरम दल के अहिंसा के माध्यम से आजादी प्राप्त करने के विरुद्ध थे। इस धड़े का साफ मत था कि केवल प्रेयर पीटिशन से स्वराज नहीं मिलने वाला है।

07 नवंबर 1858 को हबीबगंज जिले (अब बांग्लादेश) में पैदा हुए विपिनचंद्र पाल निजी जीवन में भी विचारों पर अडिग रहने वाले शख्सियत थे। परिवार और समाज के कड़े विरोध के बावजूद उन्होंने एक विधवा से विवाह किया। विचारों की असहमति को प्रकट करने में भी वे कभी पीछे नहीं रहे इसी वजह से कई मामलों में उन्होंने महात्मा गांधी के विचारों का भी विरोध किया।

अन्य अहम घटनाएंः

1900ः हिंदी के सुप्रसिद्ध कवि सुमित्रानंदन पंत का जन्म।

1918ः 1947 के भारत-पाक युद्ध में अहम भूमिका निभाने वाले भारतीय सेना के बहादुर सैनिक पीरू सिंह का जन्म।

1957ः प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी और आंध्र प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री टी. प्रकाशम का निधन हो गया।

2001ः अफगानिस्तान में तालिबान ने हिंदुओं की अलग पहचान के लिए ड्रेस कोड बनाया।

2011ः प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मप्र के बीना में ऑइल रिफाइनरी देश को समर्पित की।

2011ः झारखंड की पर्वतारोही प्रेमलता अग्रवाल ने दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत शिखर माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली सबसे उम्रदराज भारतीय महिला होने का गौरव हासिल किया।

 

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