अमेरिकी सैनिकों के सम्मान में नाटो देशों ने ध्वज आधे झुकाए

अमेरिकी सैनिकों के सम्मान में नाटो देशों ने ध्वज आधे झुकाए

वांशिगटन/लंदन: अफगानिस्तान के काबुल एयरपोर्ट के बाहर गुरुवार को आत्मघाती आतंकी हमले में मारे गए अमेरिकी सैनिकों के सम्मान में 30 नाटो देशों ने अपना राष्ट्रीय ध्वज झुका कर श्रद्धांजलि दी है और शोक व्यक्त किया।

नाटो मुख्यालय के कई देशों के झंडे आधे झुके हुए हैं। नाटो प्रमुख जेन्स स्टोल्टेनबर्ग ने इस हमले की निंदा की है। स्टोल्टेनबर्ग ने काबुल एयरपोर्ट पर हुए हमले को लेकर कहा कि सभी पीड़ितों के प्रति हमारी संवेदना है। दूसरों की रक्षा करने में जान गंवाने वाले वाले अमेरिकी सैनिकों का हम सम्मान करते हैं।

बतादें कि काबुल हवाई अड्डे के बाहर दो आत्मघाती धमाकों में अबतक 13 अमेरिकी सैनिकों समेत 100 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। इन हमलों की जिम्मेदारी आतंकी संगठन आईएसआईएस-खुरासान ने ली है। ये दोनों धमाके उस जगह हुए, जहां अफगानी नागरिक हवाई अड्डे में घुसने का प्रयास कर रहे थे। जेन्स स्टोल्टेनबर्ग ने हमले के बाद ट्वीट किया था कि ‘मैं काबुल हवाई के बाहर हुए भयानक आतंक हमले की कड़ी निंदा करता हूं। जो लोग इससे प्रभावित हुए हैं उनके साथ मेरी संवेदनाएं हैं। हमारी प्राथमिकता ज्यादा से ज्यादा लोगों को जल्द से जल्द निकालने की है।’

उल्लेखनीय है कि नाटो 30 देशों की सेनाओं का संगठन है। इसमें एक देश की सेना को दूसरे देश में भेजा जाता है, उन्हें अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षण दिया जाता है। नाटो की स्थापना 4 अप्रैल 1949 को हुई थी। इसे उत्तर अटलांटिक एलांयस के नाम से भी जाना जाता है। इस संगठन में अमेरिका के अलावा फ्रांस, बेल्जियम, लक्जमर्ग, ब्रिटेन, नीदरलैंड, कनाडा, डेनमार्क, इटली, नार्वे, पुर्तगाल समेत अन्य देश शामिल हैं। अमेरिका और नाटो देश के सैनिक पिछले करीब 20 सालों से अफगानिस्तान में तैनात थे।

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