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प्रभारी सचिव ने की आपदा प्रबंधन एवं सात निश्चय योजना की समीक्षा 

छपरा: आपदा प्रबंधन बाढ़ पूर्व एवं संभावित सुखाड़ की तैयारियों तथा कृषि, निबंधन एवं परामर्श केन्द्र, विकास योजनाओं एवं जनकल्याणकारी कार्यक्रम के कार्यान्वयन की मनीष कुमार वर्मा सचिव मुख्यमंत्री सचिवालय सह प्रभारी सचिव सारण की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक हुई.  

बैठक में प्रभारी सचिव मनीष कुमार वर्मा ने जिलाधिकारी को निर्देश दिया कि छपरा शहर से जल निकासी एवं कचड़ा उठाव की समीक्षा कर इसके निदान हेतु शहरी विकास विभाग को प्रतिवेदन दें. उन्होंने कहा कि शहर में जल निकासी की समुचित व्यवस्था करायें. ड्रेनेज एवं वाटर ट्रिटमेन्ट प्लांट के संबंध में प्रस्ताव बनाकर शहरी ग्रामीण विकास विभाग को भेजे. उन्होंने कहा कि यहा कचड़ा फेकने के लिए कोई डिपो नहीं है. कचड़ा को जहां-तहां फेकने के जिम्मेवार नगर निगम के पदाधिकारियों एवं संवेदको से स्पष्टीकरण पूछें. उन्होंने कहा कि शहर से बाहर कचड़ा डिपो बनाने के लिए समुचित व्यवस्था हो.  

बाढ़ पूर्व एवं संबंधित सुखाड़ की तैयारियों की समीक्षा करते हुए सचिव ने कार्यपालक अभियंता बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल को निदेश दिया कि तटबंधों की सुरक्षा हेतु पर्याप्त मात्रा में ग्लेबियन, जियोबैग (बालू भरा हुआ) एवं क्रेट की समुचित व्यवस्था रखें. उन्होंने कार्यपालक अभियंता भवन निर्माण को निर्देश दिया कि 2016 के बाढ़ में जहां बाढ़ का पानी सड़क से उपर बहा है. वैसे स्थानों को चिन्ह्ति कर सड़क की उचाई हाई फ्लड लेबल से 1.2 मीटर उच्चा बनायें ताकि बाढ़ के पानी का स्तर सड़क को पार न कर सकें. उन्होंने यह निर्देश दिया कि सड़क के डिजाईन में कमी है, इसे पथ निर्माण विभाग समीक्षा कर दूर करें.

उन्होंने प्रभारी पदाधिकारी जिला आपदा प्रबंधन को निर्देश दिया कि सतू, नमक, चुड़ा, गुड़, मोमबती, दियासलाई, किरासन तेल आदि की उपलब्धता समय से पूर्व सुनिश्चित करें. उन्होंने कहा कि 3,000 पाॅलिथिन सीट्स उपलब्ध है. 15,000 पाॅलीथिन सीट्स तत्काल उपलब्ध कराने हेतु आदेश निर्गत करें. उन्होंने जिला कृषि पदाधिकारी से जानना चाहा कि शहर में वर्षापात की स्थिति क्या है. जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि जून महीने में सारण जिले में वर्षापात की स्थिति -58 प्रतिशत था, जो जुलाई में पूरा हो चुका है. बिचड़ा गिर चुका है.

जिले में कृषि योग्य भूमि 1लाख 38 हजार हेक्टेयर है. जिसमें 68,000 हेक्टेयर सिंचित है और 70,000 हेक्टेयर असिंचित है. उन्होंने जिला कृषि पदाधिकारी को निर्देश दिया कि डीजल अनुदान राशि का वितरण 15 दिनों के अंदर कर प्रतिवेदित करें. सारण जिले को डीजल अनुदान के लिए 2 करोड़ 58 लाख रूपये का आवंटन प्राप्त हुआ है. 

सचिव ने प्रभारी पदाधिकारी आपदा प्रबंधन को निर्देश दिया कि राहत कैम्प के बगल में ही पशु कैम्प लगाये. चिन्ह्ति शरण स्थलियों के अलावें वैसे स्थानों पर भी शरणस्थली बनाया जाय, जहां बाढ़ पीड़ित शरण लेते है. राहत शिविर के लिए बरतन, कपड़ा जो बाढ़ पीड़ितों को दिया जाना है, उसे पहले ही तैयार रखे. उन्होंने कहा कि बाढ़ से प्रभावित होने वाले संभावित क्षेत्रो एवं संकट ग्रस्त व्यक्ति समुहो की पहचान एवं नजरी नक्सा तैयार करें. बाढ़ के समय लोकल संसाधन को जुटा कर रखना है. उन्होंने कहा कि जहां आपदा पीड़ित व्यक्तियों को राहत नहीं दिया जायेगा या कम दिया जायेगा, वहां पर कार्रवाई होगी. 

उन्होंने कहा कि तटबंधों की सुरक्षा हेतु 13 तटबंधों पर गश्ती के लिए प्रत्येक कि0मी0 के अनुसार 80 गृहरक्षकों की प्रतिनियुक्ति की गयी है. उन्होंने कहा कि उपलब्ध 6 इन्फ्लेटेबुल मोटरवोट में चालक मुश्तैद रहें. नावों एवं मोटरवोट में पर्याप्त मात्रा में लाईफ जैकेट की व्यवस्था रहे.  सचिव ने मुख्यमंत्री के सात निश्चिय योजनाओं के प्रगति की समीक्षा की तथा अन्य जनकल्याणकारी कार्यक्रमों के कार्यान्वयन की समीक्षा की. 

बैठक में जिलाधिकारी हरिहर प्रसाद, उपविकास आयुक्त सुनिल कुमार, असैनिक शल्य चिकित्सक सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ0 निर्मल कुमार, प्रभारी पदाधिकारी आपदा प्रबंधन शिव कुंमार पंडित सहित सभी संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे. 

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