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आस्था के महापर्व पर पहला अर्घ्य आज, व्रतियों के लिए सज गए है छठ घाट

Chhapra: आस्था के महापर्व छठ को लेकर चार दिवसीय अनुष्ठान रविवार से प्रारंभ हो गया है. मंगलवार को व्रती अपने तीसरे अनुष्ठान के तहत अस्ताचल गामी भगवान् को अर्घ देंगे. भगवान को अर्घ देने के लिए मंगलवार को प्रातः से ही व्रतियों ने अपने परिवार के सहयोग से प्रसाद बनाया.

वहीं अर्घ्य के लिए कलसूप को भी सजाया है. कलसूप में रखे जाने वाले फल फूल की खरीदारी को लेकर बाजारों में पूरी रौनक है.

अर्घ्य को लेकर सरोवर, तालाब एवं नदी घाटों को आकर्षक रूप से सजाया गया है. कई घाटों पर व्रतियों के लिए विशेष व्यवस्थाएं की गई है, जिससे कि उन्हें किसी तरह की परेशानी नहीं हो.

शहर से सटे सरयू नदी के किनारे एक दर्जन से अधिक अर्घ्य को लेकर घाट बनाए गए हैं. जहां व्रती अनुष्ठान के तीसरे दिन भगवान को अर्घ्य देंगे.

शहर से सटे साहेबगंज के समीप चचरी पुल बनाया गया है. नदी में पानी की कमी को लेकर आयोजकों द्वारा चचरी पूल का निर्माण किया गया है जिससे कि व्रती और उनके परिवार वाले नदी के उस पार जाकर छठ पर्व को कर सके.

साथ ही इस घाट पर बालू से मां गंगा की छवि बनाई गई है. कलाकार ने मां गंगा की छवि बनाते हुए लोगों से अपील की है कि वह गंगा को स्वच्छ बनाएं, पेड़ लगाएं जिससे कि हमारी मां गंगा भविष्य में भी अपनी निर्मलता से सभी को लाभ पहुंचाए.

उनका कहना है कि सिर्फ छठ के मौके पर ही हम लोग नदी घाटों की सफाई करते हैं. अन्यथा अन्य दिनों में अपने घर का सभी कूड़ा कचरा इसी मां गंगा में प्रवाहित कर देते हैं, जिससे मां गंगा की निर्मलता समाप्त हो रही है. साथ ही साथ नदी के जल स्तर में भी कमी आ रही है.ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने और स्वच्छ रखने से यह कमी पूरी हो जाएगी.

इसके अलावे उमानाथ मंदिर, धर्मनाथ मंदिर घाट, सीढ़ी घाट सहित सभी छठ घाटों के साथ शहर के राजेंद्र सरोवर में व्रतियों के लिए विशेष व्यवस्था की गई है.

यहां जिला प्रशासन द्वारा सुरक्षा के मद्देनजर अधिकारियों एवं पुलिस बलों की प्रतिनियुक्ति की गई है. विशेष रूप से गोताखोरों की नियुक्ति की गई है. जिससे कि महापर्व के दौरान कोई अप्रिय घटना ना हो सकें.

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