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बजट शैक्षणिक परिवेश के निर्माण के लिए आधारशीला है: चंदेल

Chhapra: सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट में शिक्षा को प्रमुखता दिए जाने से तकनीकी जगत में हर्ष व्याप्त है। भारतीय शिक्षण मंडल उत्तर बिहार के प्रदेश सह मंत्री विश्वजीत सिंह चंदेल ने कहा कि इस बजट को नए शैक्षणिक परिवेश के निर्माण के लिए आधारशीला है। साथ ही बजट में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में सरकार की रुचि का हृदय से स्वागत है। बजट में ग्रामीण एवं आदिवासी क्षेत्र में शिक्षा संसाधन उपलब्ध कराने की बात भी की गई है। जिसमें शिक्षा से वंचित समुदाय को मुख्यधारा से जोड़ने में मदद मिलेगा। सरकार ने इस बजट में शोध के क्षेत्र में भी विशेष प्रयास की संकल्पना दिखती है। राष्ट्रीय शोध संस्थान के लिए 50000 करोड़ व्यय करने की बात की गई है। इससे शोध आधारित गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।

उन्होने कहा कि भारतीय शिक्षण मंडल से जुड़े संगठन रिसर्च फॉर रिसजेर्स फाउंडेशन ने भी इसे देश एवं समाज केंद्रित शोध की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया है। बजट में विशेष रुप से नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को आधार बनाकर शैक्षिक सुधारों का खाका तैयार किया गया है। जिसमें शैक्षणिक गुणवत्ता के स्तर को सुधारा जा सके। भारतीय शिक्षण मंडल 1969 से शिक्षा क्षेत्र में सुधार को लेकर कार्य कर रहा है। उच्च शिक्षा में सुधार के लिए उच्चतर शिक्षा आयोग के गठन की बात की गई है। जिससे एक नए शैक्षणिक परिवेश के निर्माण की संभावना है। इससे उच्च शिक्षा के क्षेत्र में विभिन्न समितियों के बीच सामंजस्य स्थापित होगा। सरकार ने इस बजट में शिक्षा से वंचित क्षेत्रों पर विशेष तौर पर ध्यान दिया है। इस बार के बजट में लेह में केंद्रीय विश्वविद्यालय के निर्माण की बात भी की गई है। जिससे उच्च शिक्षा से वंचित इस क्षेत्र को विकास से जोड़ा जा सके। साथ ही आदिवासी छात्रों के लिए 758 एकलव्य विद्यालय खोलने की बात भी की गई है। जिसमें वर्षों से शिक्षा सुधार मूल अधिकार से वंचित समुदाय को शिक्षा से जोड़ने में मदद मिलेगी ।सरकार इंजीनियरिंग के छात्रों के प्रशिक्षण के लिए 3000 करोड़ खर्च करेंगी। इसके लिए अप्रेंटिसशिप अधिनियम में सुधार किया जाएगा। इससे कौशल का विकास होगा और कंपनियों के प्रशिक्षित कर्मचारी मिलेंगे। राष्ट्रीय भाषा अनुवाद मिशन की शुरुआत की गई है। इसमें भारतीय भाषाओं में शासन और नीति संबंधित ज्ञान का प्रसार होगा।

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