• मेनू के अनुसार प्रत्येक दिन बेडों पर बिछाया जा रहा अलग-अलग रंग का चादर
• अब मरीजों को घर से नहीं लाना पड़ता है चादर
• अस्पतालों में मिल रही सेवाओं से मरीजों में संतुष्टि
Chhapra: अब अस्पताल के बेड पर प्रत्येक दिन अलग-अलग रंग की चादरें बिछी हुई दिखने लगी है। इसके लिए स्वास्थ्य महकमा नई पहल करते हुए चादर भी उपलब्ध करा रहा है। नई पहल से अस्पताल के बेड भी सतरंगी चादरों के कारण एक अलग लुक में दिखाई दे रहा है। जिले के सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में अब मरीजों के बेड पर रंगीन चादर दिख रही है। अब मरीजों को घर से बेड पर बिछाने के लिए चादर नहीं लाना पड़ता है। अस्पताल प्रशासन की इस पहल से मरीजों को बेहतर सुविधा मिल रही है। इससे मरीजों की सेहत सुधरने के साथ उन्हें अच्छा महसूस हो रहा है।
अब घर से नहीं लाना पड़ता चादर
सदर अस्पताल में अपनी माँ का इलाज कराने आये छपरा शहर के सटे साढ़ा निवासी रमेश कुमार का कहना है कि पहले के तुलना में अस्पताल के व्यवस्था में काफी सुधार हुआ है। अब किसी मरीज को अपना चादर नहीं लाना पड़ता है क्योंकि अस्पताल प्रशासन की ओर से चादर उपलब्ध कराया जा रहा है। साफ-सफाई की व्यवस्था भी दुरूस्त की गयी है। जिससे मरीजों को काफी सहुलयित हो रही है।
प्रत्येक दिन अलग-अलग रंग की चादर
स्वास्थ्य संस्थानों में प्रत्येक दिन अलग-अलग रंग की चादर दिख रही है। रविवार को बैगनी, सोमवार को नीला, मंगलवार को आसमानी, बुधवार को हरा, गुरुवार को पीला, शुक्रवार को नारंगी, शनिवार को लाल रंग की चादरें बिछाईं जा रही है।
सभी वार्डों में बेड पर मिल रहा है चादर
इसमें आपातकालीन वार्ड, सिजेरियन वार्ड, शिशु वार्ड, एडिक्शन वार्ड, कालाजार वार्ड, प्री नेटल वार्ड, पोस्ट नेटल वार्ड समेत अन्य वार्ड में बेड की संख्या निर्धारित की गयी है। विभिन्न वार्डों में छह रंग का चादर बिछाना है। योजना के तहत प्रतिदिन अलग-अलग रंग की चादर बिछाई जानी है। वार्ड में चादर चतुर्थ वर्गीय कर्मी और ममता की सहायता से बिछाई जा रही है।
हर दिन बदली जाती है चादर
सिविल सर्जन डॉ. माधवेश्वर झा ने कहा कि चादरों की विशेषता यह है कि अगर अस्पताल के बेड पर किसी दिन कोई मरीज नहीं पहुंचता है तो दूसरे दिन चादर अवश्य ही बदल दी जाती है। सरकार की हिदायत के अनुसार सभी चादरों को अलग-अलग दिन के हिसाब से बिछाना है। वहीं वार्ड में किस दिन कौन से रंग का चादर बिछाया जाएगा, इसकी सूचना भी बोर्ड पर प्रदर्शित किया गया है। जिन्हें देखकर कोई भी मरीज या उनके साथ पहुंचने वाले परिजन भी एतराज दर्ज करा सकते हैं। मरीजों को हर संभव बेहतर सुविधा देने का प्रयास किया जा रहा है।
कोरोना काल में इन उचित व्यवहारों का करें पालन
• एल्कोहल आधारित सैनिटाइजर का प्रयोग करें
• सार्वजनिक जगहों पर हमेशा फेस कवर या मास्क पहनें
• अपने हाथ को साबुन व पानी से लगातार धोएं
• आंख, नाक और मुंह को छूने से बचें
• छींकते या खांसते वक्त मुंह को रूमाल से ढकें