New Delhi: लंबी बहस और संशोधन प्रस्ताव के बाद लोकसभा ने गुरुवार को ऐतिहासिक मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक-2017 को पास कर दिया. केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने अपनी मेज थपथपाकर खुशी जाहिर की.
इससे पहले आज केंद्र सरकार ने लोकसभा में इस बिल को पेश किया. कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने लोकसभा में बिल पेश करते हुए कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है. सरकार मुस्लिम महिलाओं को उनका हक दिलाने के लिए इस बिल को लाई है. हालांकि RJD, BJD समेत कई विपक्षी पार्टियों ने इस बिल का विरोध किया. विपक्षी पार्टियों ने बिल में सजा के प्रावधान को गलत बताया है. लोकसभा में इस मुद्दे पर लंबी बहस हुई. आखिर में केंद्रीय मंत्री ने सदन में बिल पर उठाए गए सवालों पर जवाब दिया. इसके बाद संशोधन प्रस्ताव पर वोटिंग हुई. वोटिंग के दौरान मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक-2017 पर पेश किए गए सभी संशोधन प्रस्ताव खारिज हो गए. इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने इस बिल के पास होने की घोषणा कर दी.
लोकसभा में तीन तलाक बिल पर AIMIM प्रमुख असादुद्दीन ओवैसी के पहले संशोधन प्रस्ताव पर वोटिंग हुई. इस संशोधन प्रस्ताव के विरोध में 241 लोगों ने वोट किया, जबकि पक्ष में सिर्फ दो लोगों ने वोट डाला. इसके अलावा 4 लोग अनुपस्थित रहे. इसके अलावा दूसरा संशोधन प्रस्ताव भी खारिज हो गया. दूसरे संशोधन प्रस्ताव के विरोध में 242 लोगों ने वोट किया.
सदन में तीन तलाक बिल पर सवालों के जवाब में रविशंकर प्रसाद ने कहा कि मुस्लिम महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए आया है. हम शरीयत में दखल देने के लिए तीन तलाक बिल बिल नहीं लाए हैं. पाकिस्तान सहित कई मुस्लिम देशों में भी तीन तलाक पर रोक है. उन्होंने कहा कि सदन की कार्यवाही को मुस्लिम बहनें देख रही हैं. उन्होंने कहा कि सभी पूर्वाग्रहों से ऊपर उठकर मुस्लिम बेटियों और बहनों के अधिकारों के लिए हम सबको एक आवाज में बोलना चाहिए. आज मुस्लिम महिलाओं के लिए ऐतिहासिक दिन है.
Photo: DD News