नई दिल्ली: अपनी 12 सूत्रीय मांगो को लेकर 11 सेन्ट्रल ट्रेड यूनियनों ने शुक्रवार को देशव्यापी आम हड़ताल का आह्वान किया है. बंद के कारण सरकारी और निजी क्षेत्र के बैंक, इंश्योरेंस कंपनियां, कई सरकारी-निजी उपक्रम सब में काम ठप रहेगा. इसके चलते यातायात, बिजली की आपूर्ति समेत गैस और तेल क्षेत्र में भी काम ठप हो सकता है.
इस हड़ताल में इंटक, एचएमएस, सीटू, एआईटीयूसी, टीयूसीसी, सेवा, एआईसीसीटीयू, यूटीयूसी और एलपीएफ ने बंद का ऐलान किया है. वहीं राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ समर्थित भारतीय मजदूर संघ ने हड़ताल से हटने का फैसला किया है.
प्रमुख मांगें:
असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए 18,000 रुपए प्रति माह का वेतन तय किया जाए.
आवेदन करने के 45 दिन के भीतर ट्रेड यूनियनों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया जाए.
अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) में हुए सी -87 और सी -98 सम्मेलनों के सुधार तत्काल लागू किए जाए.
केंद्र सरकार की तरफ से गैर कृषि क्षेत्र के श्रमिकों का वेतन प्रतिदिन 112 रूपए से बढ़ाकर 350 रूपए किए जाने की घोषणा हो चुकी है. यह प्रस्ताव पहले ही सरकार की तरफ से दिया गया था पर उसे अभी तक लागू नहीं किया गया था.