बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट बार काउंसिल ने बांग्लादेश सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन को लिखा पत्र

बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट बार काउंसिल ने बांग्लादेश सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन को लिखा पत्र

नई दिल्ली, 08 अगस्त (हि.स.)। बांग्लादेश में राजनीतिक संकट के बीच अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय और उनके धार्मिक स्थलों को निशाना बनाए जाने पर चिंता प्रकट करते हुए ऑल इंडिया बार एसोसिएशन के अध्यक्ष व सुप्रीम कोर्ट बार काउंसिल के निवर्तमान अध्यक्ष डाक्टर आदिश अग्रवाल ने बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एएम महबूबउद्दीन खोकों को पत्र लिखकर हिंदुओं की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाने का अनुरोध किया है।

ऑल इंडिया बार एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. आदिश अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन, ढाका के अध्यक्ष एएम महबूबउद्दीन खोकों को लिखे पत्र में कहा है कि भारत और बांग्लादेश की कानूनी बिरादरी ने बहुत निकटता के साथ काम किया है और बांग्लादेश के कई प्रधान न्यायाधीश लंदन और नई दिल्ली में हमारे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में शामिल हुए हैं। अग्रवाल ने कहा कि दक्षिण एशियाई देशों के बार हमेशा से ही मानवाधिकारों की रक्षा के लिए खड़े हुए हैं। मीडिया में यह खबरें आ रही हैं कि हिंदुओं के घर और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के साथ ही मंदिरों को निशाना बनाया जा रहा है, उन्हें लूटा जा रहा है और नुकसान पहुंचाया जा रहा है। हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित होनी चाहिए।

बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष की हैसियत से खोकों द्वारा बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनकी बहन शेख रेहाना को गिरफ्तार कर उन्हें बांग्लादेश को सौंपने की मांग पर अग्रवाल ने कहा कि भारत और बांग्लादेश के बीच प्रत्यर्पण संधि के तहत यह फिलहाल संभव नहीं है। इस संधि के तहत प्रत्यर्पण के लिए यह आवश्यक है कि व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा चलाया गया हो या उसके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया हो या वह दोषी करार दिया गया हो या फिर प्रत्यर्पण के अपराध के लिए दंड दिए जाने हेतु वह वांछित हो।

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