बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची के व्यापक सत्यापन पर विचार कर रहा आयोग

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची के व्यापक सत्यापन पर विचार कर रहा आयोग

नई दिल्ली, 22 जून (हि.स.)। चुनाव आयोग बिहार विधानसभा चुनावों से पहले मतदाता सूची की शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए घर-घर जाकर व्यापक सत्यापन अभियान शुरू करने पर विचार कर रहा है। यह कदम मतदाता सूची से संबंधित बार-बार उठाए जा रहे सवालों के मद्देनज़र उठाया जा सकता है।

आयोग ने स्पष्ट किया है कि देशभर में हर वर्ष मतदाता सूची का नियमित पुनरीक्षण किया जाता है। इसके अतिरिक्त, चुनावों और उपचुनावों से पहले भी यह प्रक्रिया अपनाई जाती है। वर्ष 2024 में आयोग को प्राप्त प्रपत्रों के अनुसार लगभग 46.26 लाख मतदाता अपने निवास स्थान से स्थानांतरित हुए, 2.32 करोड़ ने संशोधन के लिए आवेदन किया और 33.16 लाख ने पहचान पत्र के प्रतिस्थापन की मांग की। कुल मिलाकर लगभग 3.15 करोड़ परिवर्तनों की आवश्यकता पड़ी।

सूत्रों के अनुसार मतदाता सूची की शुद्धता बनाए रखने की अंतिम कवायद वर्ष 2004 में की गई थी। आगामी बिहार विधानसभा चुनावों से पहले यह अभियान फिर से शुरू किया जा सकता है। सत्यापन की आवश्यकता के पीछे स्थान परिवर्तन, मृत मतदाताओं के नाम हटाना, 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने वाले युवाओं के नाम जोड़ना, विवरणों में सुधार, मतदान केंद्रों का पुनःनिर्धारण तथा विदेशी नागरिकों की पहचान और नाम विलोपन जैसे कई कारण हैं।

भारत के संविधान के अनुच्छेद 326 और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 16 में मतदाता पात्रता और अपात्रता को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है। आयोग ने बार-बार यह भरोसा दिलाया है कि केवल पात्र नागरिकों को ही मतदाता सूची में शामिल किया जाएगा।

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