नई दिल्लीः साहित्य अकादमी 2020 पुरस्कारों की घोषणा हो गई है. हिंदी के लिए बिहार की मशहूर साहित्यकार अनामिका को साहित्य अकादमी पुरस्कार से नवाजा जाएगा.
उन्हें उनकी हिंदी कविता संग्रह टोकरी में दिगन्त : थेरीगाथा के लिए इस पुरस्कार से विभूषित किया गया है.
मूलरूप से मुजफ्फरपुर की निवासी
अनामिका मूलरूप से मुजफ्फरपुर की रहने वाली हैं. वे बिहार की पहली महिला हैं जिन्हें हिंदी लेखन के लिए यह पुरस्कार मिलेगा.
साहित्य अकादमी ने 20 भाषाओं के लिए अपने वार्षिक साहित्य अकादमी पुरस्कारों की घोषणा की है. अकादमी ने पुरस्कार देने के लिए सात कविता-संग्रह, चार उपन्यास, पांच कहानी-संग्रह, दो नाटक, एक-एक संस्मरण और महाकाव्य चयन किया है.
अनामिका ने कविता के साथ-साथ उपन्यास, कहानियां भी लिखी हैं. कई अनुवाद भी किए हैं. अनामिका इन दिनों दिल्ली विश्वविद्यालय के सरस्वती कॉलेज में अध्यापन कर रही हैं.
बिहार में रामधारी सिंह दिनकर और अरुण कमल के बाद तीसरी साहित्यकार अनामिका हैं जिन्हें हिंदी के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला है.
17 अगस्त 1961 में जन्मीं अनामिका ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से अंग्रेजी साहित्य में एमए किया. उनके पिता डॉ. श्यामनंदन किशोर भी हिंदी साहित्य के ख्यातिप्राप्त गीतकार रहे हैं.