जानें किस बात को याद कर सदन में भावुक हुए पीएम मोदी, गुलाम नबी आजाद को किया सलाम

जानें किस बात को याद कर सदन में भावुक हुए पीएम मोदी, गुलाम नबी आजाद को किया सलाम

New Delhi: राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद और अन्य तीन सदस्यों के कार्यकाल समाप्ति के बाद विदाई दी गयी. जम्मू-कश्मीर के चार सदस्य गुलाम नबी आजाद, शमशेर सिंह, मीर मोहम्मद फैयाज और नजीर अहमद का कार्यकाल समाप्त हो गया.

इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुलाम नबी आजाद के कार्यकाल को याद कर भावुक हो उठे. उन्होंने एक वाकया याद करते हुए गुलाम नबी आजाद की कर्तव्य निष्ठा और मानवीय संवेदनाओं को सलाम किया. इस अवसर पर अपने विदाई संदेश में प्रधानमंत्री ने कहा कि वह अपने अनुभव और विचारों से उन्हें आने वाले समय में भी सहयोग देते रहेंगे, ऐसी वह कामना करते हैं.

प्रधानमंत्री ने संबोधन की शुरुआत में कहा “सदन में जीवंतता लाने वाले और सदन के माध्यम से जनसेवा में रत, ऐसे चार हमारे साथी, कार्यकाल पूरा होने पर, नए कार्य की ओर प्रवृत्त हो रहे हैं.”

पीएम मोदी ने इन चारों सदस्यों की राज्यसभा से विदाई के मौके पर कहा “इस सदन की शोभा बढ़ाने के लिए, आपके अनुभव और ज्ञान का सदन और देश को लाभ देने के लिए और अपने क्षेत्र की समस्याओं के समाधान के लिए जो आपने कार्य किया है, उसके लिए मैं आपका धन्यवाद करता हूं.”

नेता-प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद के साथ अपने संस्मरणों को बताते हुए सदन में भावुक हुए प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेता-प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद की विदाई के मौके पर सदन को संबोधित किया. उस दौरान उन्होंने कहा कि पद और सत्ता जीवन में आते रहते हैं, पर उसको पचाना… ये कहकर प्रधानमंत्री ने नेता प्रतिपक्ष को सलाम किया और भावुक हो गए.

गुलाम नबी जी का घटना और अनुभवों के आधार पर मैं आदर करता हूं

पीएम मोदी ने कहा, “गुलाम नबी जी का घटना और अनुभवों के आधार पर मैं आदर करता हूं. मुझे पूरा विश्वास है, उनकी सौम्यता, उनकी नम्रता, देश के लिए कुछ कर गुजरने की उनकी कामना, वो कभी उनको चैन से बैठने नहीं देगी. वे जहां भी, जो भी दायित्व संभालेंगे, देश उससे लाभान्वित होगा.

एक आतंकी घटना के बाद, गुलाम नबी आजाद के साथ फोन पर हुई चर्चा का उल्लेख करते हुए भावुक हुए पीएम

प्रधानमंत्री जम्मू-कश्मीर में एक आतंकी घटना के बाद, गुलाम नबी आजाद के साथ फोन पर हुई चर्चा का उल्लेख करते हुए सदन में भावुक हो गए. उन्होंने कहा कि घटना के बाद, गुलाम नबी जी ने परिवार के सदस्यों की जैसी चिंता की जाती है, वैसे ही गुजरात के उन यात्रियों की चिंता की.

गुलाम नबी आजाद की इस बात को याद कर सदन में भावुक हुए पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदन को बताया कि जब गुलाम नबी आजाद एक मुख्यमंत्री थे तब मैं भी एक राज्य के मुख्यमंत्री के नाते काम करता था. उस काल खंड में हमारी बहुत गहरी निकटता रही है. शायद ही कोई ऐसी घटना मिल सकती है जिसमें कि हमारे बीच कोई सम्पर्क सेतु न रहा हो. एक बार जम्मू कश्मीर में गुजरात के यात्रियों पर आतंकियों ने हमला कर दिया. उस घटना में करीब 8 लोग मारे गए थे. सबसे पहले गुलाम नबी जी का मुझे फोन आया.

वह फोन सिर्फ सूचना देने का नहीं था. फोन पर उनके आंसू रुक नहीं रहे थे। उस समय प्रणब मुखर्जी रक्षा मंत्री थे मैंने उन्हें फोन किया और शवों को फोर्स के हवाई जहाज से लाने का आग्रह किया. देर रात प्रणब मुखर्जी ने मुझे कहा कि मैं व्यवस्था करता हूं आप इसकी चिंता मत कीजिए. इसके बाद मुझे फिर से गुलाम नबी जी का फोन आया वे उस रात को एयरपोर्ट पर थे. मैंने देखा जैसे कोई अपने परिवार की चिंता कर रहा हो ठीक वैसी चिंता मुझे उनमें दिखाई दी.

प्रधानमंत्री ने कहा, “पद और सत्ता जीवन में आती-जाती रहती है लेकिन उसे कैसे पचाना है…( उन्होंने हाथ से सालाम किया).”

एकबार गुलाम नबी आजाद ने पत्रकारों को कहा था कि हम सब एक परिवार की तरह हैं

प्रधानमंत्री ने एक और वाकया याद किया और बताया कि संसद में एकबार उनके साथ आजाद जी ने पत्रकारों को कहा था कि हम सब एक परिवार की तरह हैं. प्रधानमंत्री ने बताया कि उनकी ही सलाह पर कोरोना काल में उन्होंने सभी पार्टी के नेताओं की बैठक बुलाई थी.

ऐतिहासिक क्षण जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के भी साक्षी बने ये चार नेता

प्रधानमंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से आने वाले ये चार नेता अपने कार्यकाल के दौरान एक ऐतिहासिक क्षण जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के भी साक्षी बने हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि वह चारों सदस्यों की सदन की शोभा बढ़ाने, उसे जीवंत बनाने और यहां रहकर समाज सेवा में योगदान करने के लिए वह सभी का धन्यवाद करते हैं.

उन्होंने कहा कि मीर मोहम्मद फैयाज और नजीर अहमद ने कई बार उन्हें कश्मीर की वास्तविक स्थिति और समस्याओं से अवगत कराया है. वहीं शमशेर सिंह के साथ उनका पुराना नाता रहा है और वह उनके साथ कार्यकर्ता रहते हुए स्कूटर पर भी घूमे हैं.

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