New Delhi: प्याज की कीमतें कम करने और देश भर में इसकी पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने कदम उठाए हैं.
उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय की सचिव ने कहा कि 31 दिसम्बर तक व्यापारियों के लिए प्याज के भंडारण की सीमा तय कर दी गई है. ये जो स्टॉक लिमिट्स लगाये गये हैं, इसका मैसेज ये है कि नो वन इज़ टू होल्ड दी ऑनियन्स एंड मैन्यूपुलेट दा प्राइसेज़. जिसका नुकसान आम कंज्यूमर को पूरे देश में सहन करना पड़ा. दैट इज़ दा वैरी स्ट्रॉंग मैसेज दैट वी आर गिवन आउट.
सचिव ने कहा कि थोक विक्रेता 25 मीट्रिक टन प्याज का भंडारण कर सकते है जबकि खुदरा व्यापारियों को दो मीट्रिक टन का भंडार रखने की इजाजत होगी.
मंत्रालय ने कहा है कि खुले बाजार में प्याज की बिक्री की जा रही है और कीमतें कम करने के लिए इसकी आपूर्ति बढ़ाई जाएगी. खरीफ के मौसम में 37 लाख मीट्रिक टन प्याज के मंडियों में पहुंचने की संभावना है.
महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र-प्रदेश और मध्य-प्रदेश के प्याज उगाने वाले जि़लों में हाल की वर्षा से खरीफ की फसल के खराब होने की आशंकाओं के कारण प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी दिखाई दी है.