देश भर में महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती का वर्ष मनाया जा रहा है। इसी के तहत नेता जी के सम्मान में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने समग्र शिक्षा के तहत वित्त पोषित आवासीय विद्यालयों और छात्रावासों का नाम “नेताजी सुभाष चंद्र बोस आवासीय विद्यालय अथवा छात्रावास” रखने का निर्णय लिया है।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस रेजिडेंशियल स्कूल अथवा छात्रावास रखने का निर्णय
दरअसल केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालय नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती वर्ष के मद्देनजर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कर उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं। इसी क्रम में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत सभी को समावेशी एवं गुणवत्तापरक शिक्षा उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के कुल 1063 आवासीय सुविधाओं (383 आवासीय विद्यालय और 680 छात्रावास) का नाम बदल कर नेताजी सुभाष चंद्र बोस रेजिडेंशियल स्कूल अथवा छात्रावास रखने का निर्णय लिया है। यह सभी विद्यालय शिक्षा मंत्रालय की समग्र शिक्षा योजना के तहत वित्त पोषित हैं।
देश में कुल 383 आवासीय विद्यालय और 680 छात्रावास
383 आवासीय विद्यालयों में सबसे अधिक अरुणाचल प्रदेश 155, छत्तीसगढ़ 67, तेलंगाना 33, झारखंड 25, तमिलनाडु 13, पश्चिम बंगाल 12 और मध्य प्रदेश 11 हैं। छात्रावास सबसे अधिक मध्य प्रदेश में 390, अरुणाचल प्रदेश 54, छत्तीसगढ़ 39, राजस्थान 34, पश्चिम बंगाल 19, ओडिसा 18, झारखंड 16, त्रिपुरा और आंध्र प्रदेश 14-14, मिजोरम और नगालैंड में 11-11 हैं।
बच्चों को मिलेगी प्रेरणा
मंत्रालय के अनुसार नेताजी सुभाष चंद्र बोस के साथ इन स्कूलों का जुड़ाव बच्चों के लिए एक प्रेरणा के रूप में कार्य करेगा और शिक्षकों, कर्मचारियों और प्रशासन को भी प्रेरित करेगा कि वे उच्च स्तर की उत्कृष्टता हासिल कर सकें। यह कठिन क्षेत्रों में इन आवासीय विद्यालयों और छात्रावासों की सुविधा के बारे में जागरूकता पैदा करने में मदद करेगा और इन विद्यालयों को गुणवत्ता शिक्षा के उच्च मानकों को प्राप्त करने के लिए प्रेरित करेगा।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने दी जानकारी
मंत्रालय के इस निर्णय पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने शुक्रवार को कहा, “शिक्षा मंत्रालय ने कम आबादी वाले खासकर आदिवासी क्षेत्रों में जहां स्कूल खोलना मुश्किल है, ऐसे शहरी बच्चों को जिन्हें देखभाल की विशेष आवश्यकता है, उनके लिए समग्र शिक्षा योजना के तहत राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को आर्थिक सहायता प्रदान की है, ताकि वो आवासीय विद्यालय एवं छात्रावास खोल सकें। हमनें नेताजी सुभाष चंद्र बोस के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए यह निर्णय लिया है कि इन आवासीय विद्यालयों एवं छात्रावासों का नाम नेताजी सुभाष चंद्र बोस रेजिडेंशियल स्कूल रखा जाएगा।”
उन्होंने कहा कि देश भर में कुल 383 स्कूल एवं 680 हॉस्टलों का नाम बदला जाएगा। इसके अलावा यह सभी संस्थान कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों के लिए बनाए गए नियमों का पालन करेंगे और उनके जैसी गुणवत्ता प्राप्त करने के लिए प्रयास करेंगे।
निशंक ने कहा, “नेताजी का नाम ना सिर्फ छात्रों बल्कि शिक्षकों, अन्य स्टाफ के सदस्यों को और स्कूलों के प्रशासन को गुणवत्ता प्राप्त करने के लिए प्रेरित करेगा।”
इन सभी स्कूलों में नियमित करिकुलम के अलावा विशिष्ट कौशल प्रशिक्षण, सेल्फ-डिफेन्स, इत्यादि का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी, 1897 को हुआ था। उन्होंने आजाद हिंद फौज का गठन कर भारत की आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। आज़ाद हिन्द फ़ौज (आईएनए) के 60 हजार सैनिकों में से 26 हजार सैनिकों ने देश के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया था।
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