आईएमए: भारतीय सेना को मिले 319 जांबाज, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ली परेड की सलामी

आईएमए: भारतीय सेना को मिले 319 जांबाज, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ली परेड की सलामी

– सीडीएस बिपिन रावत के निधन के कारण सादगीपूर्ण आयोजन
-कुल 387 कैडेट पास आउट,मित्र देशों के 68 युवा सैन्य अधिकारी
-सबसे अधिक उत्तरप्रदेश के 45 ,उत्तराखंड के 43 युवा पास आउट

देहरादून: भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) में शनिवार को कड़े प्रशिक्षण के बाद पासिंग आउट परेड (पीओपी) की अंतिम पगबाधा को पार करते हुए 319 युवा अफसर बतौर लेफ्टिनेंट शरहद की निगहबानी के लिए भारतीय सेना का अभिन्न हिस्सा बन गए। बतौर रिव्यूइंग अफसर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जेंटलमैन कैडेट्स की सलामी ली।

परेड में सीडीएस जनरल बिपिन रावत को शामिल होना था। उनके निधन के चलते परेड के दौरान ड्रिल स्क्वायर पर मार्चपास्ट, अवार्ड ड्रिस्ट्रीब्यूशन, पीपिंग और ओथ सेरेमनी की रस्म को सादगी के साथ आयोजित किया गया। सीडीएस के निधन के बाद उत्तराखंड सरकार की ओर से राज्य में तीन दिन का राजकीय शोक भी घोषित किया गया है।

इस बार कुल 387 जेंटलमैन कैडेट्स पास आउट हुए। इनमें 68 युवा सैन्य अधिकारी नौ मित्र देशों के हैं। उत्तराखंड के 42 युवा भी पास आउट हुए। कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस बार भी परेड के दौरान हर स्तर पर बेहद सतर्कता बरती गई।

शनिवार सुबह आईएमए की ऐतिहासिक चैटवुड बिल्डिंग के सामने ड्रिल स्क्वायर पर आयोजित पासिंग आउट परेड का बतौर रिव्यूइंग अफसर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने परेड का निरीक्षण कर पास जेंटलमैन कैडेट्स से सलामी ली। परेड के उपरांत आयोजित होने वाली पीपिंग और ओथ सेरेमनी के बाद पास आउट बैच के 387 जेंटलमैन कैडेट बतौर लेफ्टिनेंट देश-विदेश की सेना के अभिन्न अंग बन गए। इनमें 319 युवा सैन्य अधिकारी भारतीय थल सेना को मिले। इस मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जेंटलमैन कैडेटों का उत्साहवर्धन कर उनके बेहतर भविष्य के लिए देश की सुरक्षा के लिए संदेश दिया।

इस मौके पर राज्यपाल ले.जनरल गुरमीत सिंह (सेनि),आइएमए के कमांडेंट ले.जनरल हरिंदर सिंह, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, डिप्टी कमांडेंट मेजर जनरल आलोक जोशी समेत कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारी और कैडेट के स्वजन भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।

सुबह नौ बजे के करीब परेड की प्रक्रिया प्रारंभ हुई। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पौने दस बजे परेड का निरीक्षण किया। इस दौरान सधे हुए कदम और शानदार ड्रिल के साथ जेंटलमैन कैडेट सेना के बैंड की धुन के साथ कदमताल करते हुए देश भक्ति गीतों पर देश पर मर-मिटने की शपथ लेकर आगे बढ़ रहे थे। उनका अनुशासन और कड़ा प्रशिक्षण देखते ही बन रहा था। चौड़े सीने के साथ कैडेटों का एक-एक कदम प्रशिक्षण के कठिन तप को दिखा रहा था।

1971 को यादगार बनाने की थी तैयारी
वर्ष 1971 के भारत-पाक युद्ध में भारतीय सशस्त्र सेनाओं की जीत के पचास साल पूरे होने के अवसर पर आयोजित हो रही परेड को यादगार बनाने की कई दिन पहले से तैयारी की जा रही थी। लेकिन दो दिन पहले तमिलनाडु के कुन्नूर में हुए हेलीकॉप्टर हादसे में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत सेना और वायुसेना के 13 अधिकारियों और जवानों की मौत के बाद कार्यक्रम में बदलाव करना पड़ा।

319 में से 43 कैडेट्स उत्तराखंड से
आईएमए पीओपी में 319 में से 43 कैडेट्स उत्तराखंड से हैं। यूपी के कैडेट्स संख्या के हिसाब से सबसे ज्यादा 45 रहे। भारतीय कैडेटों की संख्या का 14 फीसदी उत्तराखंड से है।

राज्यवार कैडेटों की संख्या
उत्तर प्रदेश 45,उत्तराखंड 43,हरियाणा 34,बिहार 26,राजस्थान 23,पंजाब 22,मध्य प्रदेश 20,महाराष्ट्र 20,हिमाचल प्रदेश 13,जम्मू कश्मीर 11,दिल्ली 11,तमिलनाडु 7,कर्नाटक 6,केरल 5,आंध्र प्रदेश 5,चंडीगढ 5,झारखंड 4,पश्चिम बंगाल 3,तेलंगाना 3,मणिपुर 2,गुजरात 2,गोवा 2,उड़ीसा 2,असम 2,मिजोरम 2,छत्तीसगढ़ 2,मिजोरम से 2 है।

आठ मित्र देशों के 68 युवा सैन्य अधिकारी
पासिंग आउट में आठ मित्र देशों के 68 युवा सैन्य अधिकारी रहे। अफगानिस्तान से 40, भूटान से 15, तजाकिस्तान 5, श्रीलंका 2, नेपाल 1, मालद्वीव 1, म्यांमार 1, तंजानिया 1, वियतनाम 1 और तुर्किमेनिस्तान से 1 कैडेट पासिंग आउट का अंग बने।

वर्ष 1932 से अकादमी का सुनहरा सफर
देहरादून स्थित प्रतिष्ठित भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) का वर्ष 1932 में 40 कैडेट के साथ सुनहरा सफर शुरू हुआ था। सैन्य अकादमी में परेड, साल में दो बार यानी जून और दिसंबर में आयोजित होती है। अकादमी के कड़े प्रशिक्षण और अनुशासन का लोहा मित्र देश भी मानते हैं। प्रथम बैच में फील्ड मार्शल सैम मानेक शा, म्यांमार के सेनाध्यक्ष स्मिथ डन और बाद में पाकिस्तान सेनाध्यक्ष मोहम्मद मूसा पास आउट हुए थे। तब से यह संस्थान जांबाज युवा अफसरों की फौज तैयार कर रहा है। अकादमी की खास बात यह है कि मित्र देशों के भी कैडेट यहां प्रशिक्षण लेते हैं। इस साल देश-विदेश की सेना को 63 हजार, 668 युवा सैन्य अधिकारी देने का गौरव इस संस्थान के साथ जुड़़ गया। अब तक अकादमी 33 मित्र देशों के दो हजार, 656 युवाओं को प्रशिक्षित कर चुका है। इस बार भी 68 विदेशी कैडेट आइएमए से पास आउट हुए।

सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद
पीओपी को देखते हुए अकादमी के आसपास सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रही। बाहरी क्षेत्र में सुरक्षा का जिम्मा दून पुलिस के पास था। चप्पे-चप्पे पर सेना के जवान तैनात रहे। पासिंग आउट परेड के दौरान पंडितवाड़ी से लेकर प्रेमनगर तक जीरो जोन रहा। इस दौरान राष्ट्रीय राजमार्ग-72 (चकराता रोड) से गुजरने वाला यातायात प्रेमनगर एवं बल्लूपुर से डायवर्ट किया गया था।

0Shares
A valid URL was not provided.

छपरा टुडे डॉट कॉम की खबरों को Facebook पर पढ़ने कर लिए @ChhapraToday पर Like करे. हमें ट्विटर पर @ChhapraToday पर Follow करें. Video न्यूज़ के लिए हमारे YouTube चैनल को @ChhapraToday पर Subscribe करें