नई दिल्ली: नेशनल मेडिकल कमीशन बनाने के सरकार के नए प्रस्ताव के खिलाफ मंगलवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से जुड़े देशभर के करीब 3 लाख डॉक्टर हड़ताल पर रहे. लिहाजा प्राइवेट से लेकर सरकारी अस्पतालों के ओपीडी ठप रहे वही लेकिन इमरजेंसी सेवा जारी रही.
डॉक्टरों का कहना है कि अगर यह बिल पास हुआ तो मेडिकल के इतिहास में काला दिन है. इसकी वजह से इलाज महंगा होगा और भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा. इस बिल के लागू होने से निजी मेडिकल कॉलेजों पर सरकार का शिकंजा मज़बूत होगा.
इंडियन मेडिकल काउंसिल को नेशनल मेडिकल कमीशन बिल 2017 के प्रावधानों से एतराज है. नए बिल के मुताबिक अब तक प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में 15% सीटों का फीस मैनेजमेंट तय करती थी. अब नए बिल के मुताबिक मैनेजमेंट को 60% सीटों का फीस तय करने का अधिकार होगा.