एनआईए भाजपा के इशारे पर आरोपितों को देती है क्लीनचिट: दिग्विजय सिंह

एनआईए भाजपा के इशारे पर आरोपितों को देती है क्लीनचिट: दिग्विजय सिंह

जयपुर: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने केन्द्र सरकार पर आरोप लगाया है कि सत्ता में बैठे लोग निहित स्वार्थ के अनुसार काम करते हैं। अपने मतलब और सुविधा के अनुसार छापामारी करवाते हैं। उन्होंने दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ तो ईडी, आईबी के जरिए कार्रवाई करती है लेकिन जब वहीं राजनीतिक प्रतिद्वंदी भाजपा में शामिल हो जाते हैं तो उन्हें आरोपों से मुक्ति मिल जाती है। दिग्विजय सिंह शुक्रवार को जयपुर में प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि एनआईए ने पहले अजमेर दरगाह, समझौता एक्सप्रेस, मक्का मस्जिद और मालेगांव धमाकों जैसे मामलों की जांच की थी। एनआईए की जांच का नतीजा यह निकला कि मोदी और शाह सरकार ने आरोपित सभी लोगों को दोष मुक्त करवा दिया। ऐसे में कांग्रेस को एनआईए की जांच पर भरोसा नहीं है, अब इस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में की जाए।

दिग्विजय सिंह ने कहा कि मुंद्रा पोर्ट पर मिली हेरोइन के मामले की जांच एनआईए से करवाने की जगह सुप्रीम कोर्ट के जज से करवानी चाहिए। जज को भी वही कमेटी नियुक्त करे, जिसमें नेता प्रतिपक्ष और चीफ जस्टिस शामिल हों। 13 सितंबर, 2021 को मुंद्रा पोर्ट पर एक माह में दो बार हेरोइन की खेप पकड़ी गई। उन्होंने दावा किया कि बड़ी मात्रा में पकड़ी गई इस खेप की कीमत दो लाख करोड़ से ज्यादा है।

उन्होंने बताया कि पहली बार अफगानिस्तान और ईरान होते हुए 21 हजार करोड़ का ड्रग आया। उससे पहले भी 1 लाख 75 हज़ार करोड़ का ड्रग आया। देश मे हेरोइन का कारोबार 5 से 10 लाख करोड़ का हो सकता है। मुंबई में 200 या 300 ग्राम गांजा मिला तो फिल्म जगत के लोगों को जेल भेजा, उनके खिलाफ बड़ा केस बनाया। उन्होंने आरोप लगाया कि ड्रग पैडलिंग के 13 मामलों में भाजपा नेताओं की भागीदारी रही है। उन्होंने पूछा कि क्या भाजपा के इन 13 नेताओं के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट में कार्रवाई होगी। ड्रग पैडलिंग तो आतंकियों से भी खतरनाक है।

दिग्विजय सिंह नोटबंदी को सबसे बड़ा घोटाला बताते हुए कहा कि नोटबंदी से फेक करेंसी ओर आतंकवाद खत्म करने के दावे करते थे, अगर ईमानदारी से काले धन को रोकने के लिए नोटबंदी की थी तो देश में करेंसी 17 लाख करोड़ से बढ़कर 26.7 लाख करोड़ कैसे हुई। स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम ने आज 7 साल में रिपोर्ट नहीं दी।

0Shares
A valid URL was not provided.

छपरा टुडे डॉट कॉम की खबरों को Facebook पर पढ़ने कर लिए @ChhapraToday पर Like करे. हमें ट्विटर पर @ChhapraToday पर Follow करें. Video न्यूज़ के लिए हमारे YouTube चैनल को @ChhapraToday पर Subscribe करें