Delhi: बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में कोर्ट ने 28 साल बाद अपना फैसला सुना दिया है इस मामले में सभी 32 आरोपियों को कोर्ट ने बरी कर दिया है, इस केस में सीबीआई कोर्ट ने लालकृष्ण आडवाणी, उमा भारती, मुरली मनोहर जोशी, विनय कटियार समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया है.
आयोध्या में बाबरी मस्जिद के विवादित ढांचा 6 दिसंबर 1992 को गिरा दिया गया था, जिसके बाद 49 लोगों पर पूरी प्लानिंग के तहत विवादित ढांचा गिराने का आरोप में केस दर्ज किया गया था. हालांकि की 49 लोगों में से 17 की मौत हो चुकी है.
सीबीआई विशेष अदालत ने कहा इस मामले में कोई ठोस सबूत नहीं है.केंद्रीय जांच एजेंसी ने इस मामले में 351 गवाह और करीब 600 दस्तावेजी सुबूत अदालत में पेश किये. लेकिन अदालत में कहा कि किसी भी आरोपी के ख़िलाफ़ कोई ठोस सबूत नहीं है.
इनपर दर्ज हुआ था केस, अब हो गए बरी
बाबरी विध्वंस मामले में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, उमा भारती, विनय कटियार, साघ्वी ऋतंभरा, महंत नृत्य गोपाल दास, डॉ. राम विलास वेदांती, चंपत राय, महंत धर्मदास, सतीश प्रधान, पवन कुमार पांडेय, लल्लू सिंह, प्रकाश शर्मा, विजय बहादुर सिंह, संतोष दूबे, गांधी यादव, रामजी गुप्ता, ब्रज भूषण शरण सिंह, कमलेश त्रिपाठी, रामचंद्र खत्री, जय भगवान गोयल, ओम प्रकाश पांडेय, अमर नाथ गोयल, जयभान सिंह पवैया, महाराज स्वामी साक्षी, विनय कुमार राय, नवीन भाई शुक्ला, आरएन श्रीवास्तव, आचार्य धमेंद्र देव, सुधीर कुमार कक्कड़ व धर्मेंद्र सिंह गुर्जर पर मुकदमा चल रहा था.