Chhapra: त्यौहार के मौसम को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने त्योहारों के दौरान कोविड-19 संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए सुरक्षा मानकों को लेकर मानक संचालन प्रक्रियाएं (एसओपी) जारी की हैं. इसके अनुसार कंटेनमेंट जोन में कार्यक्रम आयोजित करने की इजाजत नहीं होगी.
कंटेनमेंट जोन में रहने वाले लोगों को बाहर निकलने के स्थान पर घर के अंदर रहकर ही त्यौहार मनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. त्योहार के दौरान संक्रमण फैलने की आशंका ज्यादा है ऐसे में सुरक्षा के नियमों का पालन करना बहुत जरूरी है.
दिशा-निर्देशों में कार्यक्रमों के लिए विस्तृत स्थान, सामाजिक दूरी सुनिश्चित करना और मूर्तियों व पवित्र ग्रंथों को स्पर्श नहीं करने जैसे उपाय शामिल हैं.
एसओपी में कहा गया है कि जहां तक संभव हो रिकॉर्ड किए गए भक्ति संगीत या गाने बजाए जाएं और गायन समूहों को अनुमति न दी जाए. इस त्योहारी सीज़न में कोरोना लोगों की खुशियों में ख़लल न डले इसके लिए सजगता और जागरूकता लगातार बनाए रखने की ज़रूरत है.
कार्यक्रम स्थलों में सभी स्थानों पर उचित चिह्न होना चाहिए
अक्तूबर से दिसंबर के बीच धार्मिक पूजा, मेलों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों, जुलूसों आदि बड़े समारोह आयोजित होते हैं. ऐसे में यह जरूरी है कि इस तरह के आयोजनों के लिए आवश्यक निवारक उपायों का पालन किया जाए. ऐसे कार्यक्रम एक दिन या एक सप्ताह या उससे भी अधिक समय तक चलते हैं. एसओपी के अनुसार भौतिक दूरी के मानदंडों को ध्यान में रखते हुए कार्यक्रम स्थलों में सभी स्थानों पर उचित चिह्न होना चाहिए। साथ ही केवल उन कर्मचारियों और आगंतुकों को ही आने की अनुमति दी जाए जिनमें संक्रमण के लक्षण नहीं हैं. प्रवेश की अनुमति तभी दी जाएगी जब वे मास्क का उपयोग कर रहे हों.
सामाजिक दूरी व मास्क पहनना सुनिश्चित करें
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी एसओपी के अनुसार कार्यक्रम की योजना इस प्रकार से बनाई जानी चाहिए कि भीड़ को नियंत्रित रखा जा सके और सामाजिक दूरी का पालन हो सके. रैलियों और विसर्जन जुलूसों में लोगों की संख्या निर्धारित सीमा से अधिक न हो और सामाजिक दूरी व मास्क पहनना सुनिश्चित किया जाना चाहिए.
थर्मल स्क्रिनिंग पर भी दिया जायेगा जोर
एसओपी के अनुसार सक्षम अधिकारी स्थानीय आकलन के अनुसार अपने क्षेत्र में अतिरिक्त उपायों को लागू कर सकते हैं जो गृह मंत्रालय द्वारा दी गई अनुमति के अनुरूप हो. थर्मल स्क्रीनिंग पर भी जोर दिया गया है. निगरानी के लिए क्लोज-सर्किट कैमरे आदि का इस्तेमाल करने पर विचार किया जा सकता है.
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