ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन के माध्यम से स्वास्थ्य उपकेंद्रों पर मिलेगी जरूरी दवाइयां

ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन के माध्यम से स्वास्थ्य उपकेंद्रों पर मिलेगी जरूरी दवाइयां

• हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों पर 109 प्रकार की दवा है उपलब्ध
• सभी स्वास्थ्य उपकेंद्रों पर आवश्यक उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश
• सुदुर ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को मिलेगी ऑनलाइन चिकित्सीय सुविधा

Chhapra: सुदूर ग्रामीण क्षेत्र के हर व्यक्ति को बेहतर स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने के उद्देश्य से जिले में ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन सेवा की शुरुआत की गयी है। जिले के 9 प्रखंडों में यह सेवा शुरू की गयी है। स्वास्थ्य उपकेंद्रों पर औषधियों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए राज्यस्तर पर टेक्निकल कोर कमिटी की बैठक की गयी। जिसमें कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये हैं। विभिन्न प्रखंडों में स्थित स्वास्थ्य उपकेंद्रों के लिए 6 प्रकार की आवश्यक औषधियां एवं वैसे स्वास्थ्य उपकेंद्र जो सामान्य प्रसव के लिए चिह्नित हैं वहां 15 प्रकार की दवा उपलब्ध है। वहीं हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के रूप में विकसित स्वास्थ्य उपकेंद्रों, अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों एवं शहरी स्वास्थ्य केंद्रों के लिए 109 प्रकार की दवा उपलब्ध है। हेल्थ् एंड वेलनसे सेंटर जहां पर कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर कार्यरत हैं वहां टेलीमेडिसिन के माध्यम से परामर्श लेने वाले मरीजों को 109 दवा उपलब्ध करायी जायेगी। ऐसे स्वास्थ्य उपकेंद्र जो हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के रूप में चिह्नित नहीं हैं पर टेलीमेडिसिन सेवा के तहत उपाचारित मरीजों को परामर्शित औषधियां उपलब्ध कराने के लिए हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के लिए अधिसूचित 109 प्रकार की औषधियों एंव 27 मेडिकल डिवाइस को आधार मानते हुए 37 प्रकार की औषधियों एवं 9 मेडिकल डिवाइस को टेलीमेडिसिन सेवा के लिए आवश्यक औषधि एवं उपकरण के रूप में अधिसूचित किया गया है।


15 दिनों का रखना होगा स्टॉक

टेलीमेडिसिन सेवा के लिए दवाओं की 15 दिनों के लिए आवश्यकता अधारित इंडेंट स्वास्थ्य उपकेंद्र पर कार्यरत एएनएम के द्वारा डीवीडीएमएस पोर्टल के माध्यम से संबंधित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को किया जायेगा। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के द्वारा आपूरित औषधियों की खपत का ब्योरा स्वास्थ्य उपकेंद्र की एएनएम द्वारा डीवीडीएमएस एवं ई संजीवनी पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा ।

चिकित्सक देंगे निःशुल्क परामर्श
सिविल सर्जन डा. माधवेश्वर झा ने बताया कि इस सुविधा के जरिये सामान्य बीमारियों जैसे सर्दी, बुखार, खांसी, सिर दर्द, पेट दर्द, त्वचा संबंधी बीमारी, संक्रामक रोग, शुगर, ब्लड प्रेशर, कैंसर आदि के उपचार के लिए टेलीमेडिसिन के जरिये चिकित्सक व विशेषज्ञ से निःशुल्क परामर्श लिया जा सकता है। उन्होंने बताया कि यदि मरीज के पास एंड्राइड -स्मार्ट फोन है तो वह ‘ई-संजीवनी ओपीडी एप’ को इंस्टाल करके या फिर ‘ई-संजीवनी डॉट इन’ पोर्टल पर जाकर सुविधा प्राप्त कर सकता है।
ई संजीवनी हब एंड स्पोक प्रणाली से काम करेगी 

जिला स्वास्थ समिति के डीपीसी रमेश चंद्र कुमार ने बताया कि ई संजीवनी टेलीमेडिसिन का क्रियान्वयन हब एवं स्पोक प्रणाली के रूप में होगा। इसमें मरीज पहले एएनएम के पास कॉल करेंगे। फिर एएनएम मरीज की सभी जानकारी लेकर उसे डॉक्टर के पास फारर्वड करेंगी। जिसमें समयानुसार विशेषज्ञ चिकित्सक टेलीमेडिसिन के माध्यम से मरीजों को सलाह देने के लिए उपलब्ध होंगे।

रियल टाइम सहायता ले सकते हैं मरीज

डीपीसी रमेश चंद्र कुमार ने बताया ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोग अब घर बैठे ही बेहतर व विशेषज्ञ चिकित्सकों से इलाज करा सकेंगे। मरीजों को चिकित्सीय सुविधा देने के किए स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में यह एक ऐसी सुविधा है, जिसमें सूचना प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करके सुदूर ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाई जा सकती है। इसके तहत चिकित्सकीय शिक्षा, प्रशिक्षण और इसका प्रबंधन तक शामिल हैं। इसमें इलेक्ट्रॉनिक तरीके से मरीज चिकित्सकीय जानकारी भेज सकते हैं और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की मदद से रियल टाइम परिस्थितियों में सहायता प्राप्त कर सकते हैं।

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