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विक्की कौशल ने इंटरव्यू में फिल्म इंडस्ट्री में आने से पहले स्ट्रगल के दिनों को याद किया

फिल्म ‘मसान’ से बॉलीवुड में डेब्यू करने वाले एक्टर विक्की कौशल ने एक इंटरव्यू में फिल्म इंडस्ट्री में आने से पहले के संघर्ष और घर में दिए गए संस्कारों के बारे में खुलकर बात की है। उन्होंने कहा कि फिल्म इंडस्ट्री में मेरी सफलता के बाद घर में कुछ नहीं बदला। मुझे अपने माता-पिता के व्यवहार में कभी कोई अंतर महसूस नहीं हुआ। वे मेरे साथ पहले जैसा ही व्यवहार करते हैं। मैं एक सामान्य परिवार में पला-बढ़ा हूं, अब भी मैं और मेरा भाई हमारे घर के सभी नियमों का पालन करते हैं।

विक्की कौशल ने कहा, “2012 में मैंने निर्देशक अनुराग कश्यप के साथ सहायक निर्देशक के रूप में काम किया। फिर उनकी फिल्म ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ सुपरहिट हुई। उस समय हमारे घर पर एक सेकंड हैंड कार थी, लेकिन मुझे उस कार को अकेले इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं थी। सिर्फ मां को जब योग क्लास जाना होता था, तो उन्हें छोड़ने के लिए ही मैं कार का इस्तेमाल करता था, क्योंकि वह मेरे माता-पिता की कार थी। मेरे माता-पिता ने मुझे सिखाया कि “अपने लिए कड़ी मेहनत करो और एक कार खरीदो।” मैं काम की तलाश और अनुराग सर के कार्यालय ऑडिशन देने के लिए बस या कभी-कभी रिक्शा से जाता था। आख़िर तक माता-पिता ने अकेले कहीं भी कार ले जाने की इजाज़त नहीं दी।”

अभिनेता ने कहा, “मेरे माता-पिता ने मुझे जरूरतों और विलासिता के बीच अंतर सिखाया। मेरे जैसे ही नियम सनी (भाई) पर भी लागू होते हैं। आख़िर तक माता-पिता ने उसे अकेले कहीं भी कार ले जाने की इजाज़त नहीं दी।”

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