हिंदी फिल्मों के मशहूर संगीतकार मोहम्मद ज़हूर ‘खय्याम’ का 92 साल की उम्र में मुंबई में निधन जो गया. खय्याम साहब को सीने में संक्रमण और न्यूमोनिया की शिकायत के बाद उन्हें पिछले महीने मुंबई के अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां आज इलाज के दौरान उन्हें दिल का दौरा पड़ा, जिससे उनका निधन हो गया.
खय्याम ने 1953 में करियर की शुरुआत की थी. बतौर संगीतकार उन्होंने 1953 में अपने करियर की शुरुआत की थी. उसी साल आई उनकी फिल्म ‘फिर सुबह होगी’ से उन्हें बतौर संगीतकार पहचान मिली. 2007 में उन्हें संगीत नाटक अकादमी अवॉर्ड और 2011 में पद्म भूषण से नवाजा गया.
खय्याम ने कभी कभी, फिर सुबह होगी, उमराव जान, बाजार, नूरी, रजिया सुल्तान, त्रिशूल जैसी फिल्मों को अपनी संगीत से सजाया था. उनका जन्म पंजाब के राहों गांव में हुआ था.
India will remain grateful to Khayyam Sahab for giving us some of the most memorable compositions, which will be remembered forever. He will also be remembered for his humanitarian gestures to support upcoming artists. His demise is extremely saddening.
— Narendra Modi (@narendramodi) August 19, 2019
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