Chhapra: बरेजा स्थित प्राचीन ठाकुरवाड़ी प्रांगण में शास्त्रीय संगीत की प्रस्तुति देख श्रोता अभिभूत हो गए. कार्यक्रम का शुभारंभ सुविख्यात गायक पंडित रामप्रकाश मिश्र जी के गायन से हुआ. पंडित जी ने तीनताल में छोटा ख़याल, एकताल की बंदिश, ठुमरी व दादरा “बैरन घर ना जा मोरे सैया प्रस्तुत कर दर्शकों कॊ मंत्रमुग्ध कर दिया.
वही आजमगढ़ के सुदर्शन मिश्रा ने एक मीरा एक राधा दोनो ने श्याम कॊ चाहा समेत कई भजन प्रस्तुत कर तालियां बटोरी. वहीं आरा से पधारे चर्चित कथक गुरु बक्शी विकास ने अपने कथक की शुरुआत श्री राम स्तुति से करते हुये तीनताल में कथक की पारम्परिक बंदिशों कॊ प्रस्तुत कर समा बाँधा. इनके शिष्य अमित कुमार के द्वारा प्रस्तुत परन, पैरो की तैयारी, चक्कर इत्यादि देखकर श्रोताओं ने जमकर तालियां बजाई .
वहीं मियाँ – बीबी की नोकझोंक, घोड़े की चाल, राधा कृष्ण के भाव कॊ देखकर दर्शक भावविभोर हो, इसके साथ तबले पर श सुधाकर मिश्र के अंगुलियों की चमत्कारिक संगत ने श्रोताओं कॊ खासा प्रभावित किया. वरिष्ठ आयकर अधिवक्ता बिट्टू जी ने आरती “हे गिरधर तेरी आरती गाऊँ” प्रस्तुत किया. मौके पर श्री मृत्युंजय तिवारी, श्री हरे राम पाण्डेय समेत कई संगीत प्रेमी उपस्थित थे.