बर्थडे स्पेशल 20 अक्टूबर: कुमार सानू ने मेहनत और सब्र के साथ तय किया स्टेज से प्लेबैक सिंगर तक का सफर

बर्थडे स्पेशल 20 अक्टूबर: कुमार सानू ने मेहनत और सब्र के साथ तय किया स्टेज से प्लेबैक सिंगर तक का सफर

बॉलीवुड फिल्मों में रोमांटिक गाने गाकर लाखों युवा दिलों की धड़कन बढ़ाने वाले मशहूर सिंगर कुमार सानू का जन्म 20 अक्टूबर 1957 को कोलकाता में हुआ था। कुमार सानू का असली नाम केदारनाथ भट्टाचार्य है। कुमार सानू के पिता पशुपति भट्टाचार्य एक तबलावादक और संगीतकार थे। घर में संगीत का माहौल होने के कारण कुमार सानू का रुझान भी संगीत की तरफ हुआ। उन्होंने अपने पिता से तबला और संगीत की शिक्षा भी ली।

स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद कुमार सानू संगीत की दुनिया में अपनी पहचान बनाने का सपना लिए मुंबई आ गये। यहां आने के बाद उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। करियर की शुरुआती दिनों में कुमार सानू ने कई स्टेज शो किये। इस दौरान साल 1989 में कुमार सानू की मुलाकात जगजीत सिंह से हुई, उन्होंने उन्हें कल्याणजी-आनंदजी से मिलवाया। वह कुमार सानू की आवाज से इतने प्रभावित हुए की उन्होंने 1989 में आई फिल्म ‘जादूगर’ में उन्हें गाना गाने का मौका दिया। इसके बाद कुमार सानू ने पीछे मुड़ कर नहीं देखा। 1990 में विनोद खन्ना की फिल्म ‘जुर्म’ का गाना ‘जब कोई बात बिगड़ जाये’ से उन्हें पहली सफलता मिली। इसी साल एक और फिल्म आई ‘आशिकी’ जिसमें कुमार सानू ने गीत गाये। इस फिल्म का गाना ‘मैं दुनिया भुला दूंगा’ और ‘तू मेरी जिंदगी है’ ने हर किसी को दीवाना बना दिया। इस फिल्म में कुमार सानू के सारे गाने सुपरहिट रहे और कुमार सानू रातो-रात सुपरस्टार बन गये।

लाखों दिलों पर राज करने वाले कुमार सानू ने बॉलीवुड में कई रोमांटिक और हिट गाने दिए है।जिसमें मेरा दिल भी कितना पागल है(साजन), एक लड़की को देखा तो(1942 अ लव स्टोरी), सोचेंगे तुम्हे प्यार(दीवाना), दो दिल मिल रहे हैं(परदेस), इस तरह आशिकी का(इम्तिहान), पास वो आने लगे(मैं अनाड़ी तू खिलाडी), दर्द करारा(दम लगाके हईसा) आदी शामिल हैं। कुमार सानू एक मात्र ऐसे गायक है,जिन्होंने एक दिन में 28 गाने रिकॉर्ड किये है।इसके साथ ही कुमार सानू के नाम लगातार पांच सालों तक, 1991 से लेकर 1995 तक फिल्मफेयर का सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक पुरस्कार जीतने का रिकॉर्ड भी बनाया है। यह अवार्ड उन्हें 1991 में “अब तेरे बिन”(आशिकी), 1992 में “मेरा दिल भी कितना पागल है”(साजन), 1993 में “सोचेंगे तुम्हे प्यार”(दीवाना), 1994 में “ये काली काली आंखें(बाज़ीगर),1995 में ‘एक लड़की को देखा(1942: अ लव स्टोरी) के लिए मिला। कुमार सानू बॉलीवुड के उन चुनिंदा सिंगर्स में से हैं,जिनकी आवाज का जादू दर्शकों के बीच हमेशा कायम रहेगा। उन्होंने संगीत की दुनिया में एक अनूठा मकाम हासिल किया है। सोशल मीडिया पर कुमार सानू के फैन फोलोइंग लाखों में है।

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