मुंबई: समाजसेवी अन्ना हजारे के जीवन पर बनी बायोपिक ‘अन्ना: किसन बाबूराव हजारे’ शुक्रवार को रिलीज़ हो गयी. यह फिल्म 130 मिनट लंबी है, जो एक साल से अधिक समय तक अन्ना के पैतृक गांव रालेगण सिद्धी, अहमदनगर (महाराष्ट्र), मुंबई, नई दिल्ली, जम्मू एवं कश्मीर, लद्दाख और राजस्थान में फिल्माई गई है.
फिल्म में किसान बाबूराव हजारे की जिंदगी की सभी सच्ची घटनाओं को दिखाया गया है. शुरुआत में बाबूराव हजारे इंडियन आर्मी में ड्राइवर थे. इसके बाद उन्होंने लोगों के हित के लिए काम करना शुरू किया. वो लोगों को अपने पैरों पर खड़ा होने के लिए प्रेरित करते थे. उन्होंने अपनी बात मनवाने के लिए अनशन और श्रमदान का सहारा लिया. बाद में कैसे वो अन्ना हजारे के रूप में उभरे और लोकपाल बिल के लिए दिल्ली के रामलीला मैदान में कैसे उन्होंने सरकार से लड़ाई की. ये सारी बातें फिल्म में बखूबी दर्शाने की कोशिश की गई है.
फिल्म का निर्माण राइज पिक्चर्स प्राइवेट लिमिटेड और निर्देशन शशांक उदापुरकर ने किया है. पहली बार निर्देशन कर रहे शशांक मराठी फिल्मों के जाने-माने अभिनेता हैं. उन्होंने फिल्म में अन्ना हजारे का किरदार निभाने के साथ ही फिल्म के डायलॉग और स्क्रिप्ट भी लिखी है.