फिल्म इंडस्ट्री एक झटके से उबर नहीं पाती कि उसे दूसरा झटका लग जाता है. बुधवार को वरिष्ठ गीतकार अनवर सागर के निधन के बाद जाने-माने फिल्म निर्देशक और लेखक बासु चटर्जी का 90 साल की उम्र में सुबह 8.30 बजे मुम्बई के सांताक्रूज स्थित उनके घर पर निधन हो गया. बासु दा एक लम्बे समय से बीमार चल रहे थे और उन्हें पहले से ही डायबीटीज व हाई ब्लड प्रेशर संबंधी बीमारी थी.
बासु चटर्जी को छोटी सी बात, रजनीगंधा, बातों बातों में, एक रुका हुआ फैसला और चमेली की शादी जैसी फिल्मों के निर्देशन के लिए जाना जाता है. बासु चटर्जी का अंतिम संस्कार दोपहर 2 बजे सांताक्रूज श्मशान घाट में होगा.
बासु चटर्जी 30 जनवरी 1930 को अजमेर में पैदा हुए. वे पहले ऐसे फिल्मकार थे जिन्होंने कोलकाता की छाप से अलग, अपनी एक अलग ही शैली पैदा की. चाहें वो ‘चमेली की शादी’ हो या ‘खट्टा मीठा’. मिडिल क्लास फैमिली की गुदगुदाती और हल्के से छू जाने वाली रोमांटिक कॉमेडी फिल्मों ने बासु दा को सबसे अलग मुकाम हासिल कराया.
फिल्मों में बासु चटर्जी के योगदान के लिए 7 बार फिल्म फेयर अवॉर्ड और दुर्गा के लिए 1992 में नेशनल फिल्म अवॉर्ड भी मिला था. 2007 में उन्हें आईफा ने लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से नवाजा था. 1969 से लेकर 2011 तक बासुदा फिल्मों के निर्देशन में सक्रिय रहे.
फिल्मों के अलावा बासु दा ने ब्योमकेश बख्शी और रजनी जैसे टीवी शोज का भी डायरेक्शन किया था. चटर्जी के परिवार से उनकी बेटी रूपाली गुहा भी फिल्मों का डायरेक्शन कर रही हैं. फिलहाल रूपाली टीवी शो प्रोड्यूस कर रही हैं. पिछले दिनों ही बासु चटर्जी की फिल्मों में गीत लिखने वाले योगेश आनंद का भी निधन हुआ.