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अभिनय का ध्रुवतारा अभिनेता संजीव कुमार

अभिनय का बेमिसाल अंदाजः अभिनय का ध्रुवतारा माने जाने वाले संजीव कुमार अपने निधन के 30-35 वर्षों बाद आज भी बड़ी शिद्दत से अपने चाहने वालों के बीच याद किये जाते हैं। उनके अभिनय के विभिन्न शेड्स, बेहतरीन अदाकारी के लिये याद किये जाते हैं। जिनमें ‘खिलौना’ का पागल, ‘कोशिश’ में गूंगे-बहरे का रोल, ‘संघर्ष’ में दिलीप कुमार के सामने संजीव कुमार का अंदाज, ‘नया दिन नयी रात’ में नौ अलग-अलग रोल, ‘शोले’ के ठाकुर जैसे अनगिनत किरदार हैं। संजीव कुमार का 6 नवंबर 1985 को निधन हो गया।

9 जुलाई 1938 में सूरत में एक गुजराती वैश्य परिवार में पैदा हुए संजीव कुमार का पूरा नाम हरीभाई जरीवाला था। 1960 से 1984 तक फिल्मों में सक्रिय रहे संजीव कुमार ने तकरीबन लगभग 125 फिल्मों में छोटी-बड़ी भूमिकाएं कीं। शुरुआती दौर में वे रंगमंच से भी जुड़े।उन्होंने दिलीप कुमार, राजेश खन्ना, अमिताभ बच्चन, धर्मेंद्र जैसे बेजोड़ फिल्मी सितारों के बीच अपनी अलग पहचान बनायी।

फिल्मी जीवन काल में उन्हें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार के अतिरिक्त फिल्मफेयर का सर्वश्रेष्ठ अभिनेता व सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का पुरस्कार मिला। आजीवन कुंवारे रहे संजीव कुमार का 47 वर्ष की बेहद कम उम्र में निधन हो गया।

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