विविधता में एकता और साझी विरासत ही हमारी पहचान: डॉ सिद्धार्थ शंकर सिंह

विविधता में एकता और साझी विरासत ही हमारी पहचान: डॉ सिद्धार्थ शंकर सिंह

Chhapra: गंगा सिंह महाविद्यालय, छपरा के विभिन्न संकायों द्वारा आयोजित हो रहे राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय वेब व्याख्यानमाला श्रृंखला के तहत “शास्त्रों से समाज निर्माण” विषयक अन्तराष्ट्रीय वेब व्याख्यान का आयोजन किया गया।

स्वागत वक्तव्य और विषय प्रवर्तन करते हुए प्राचार्य डॉ सिद्धार्थ शंकर सिंह ने कहा कि सभी शास्त्रों का मूल उद्देश्य मानव जीवन को बेहतर बनाना है। समाज से ही राष्ट्र का निर्माण होता है औए हमारे राष्ट्र की मूल संकल्पना सर्वधर्मसमभाव की है। विविधता में एकता और साझी विरासत ही हमारी पहचान रही है।

इस अंतरराष्ट्रीय वेब व्याख्यान में दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो ओम नाथ विमली, जय प्रकाश विश्वविद्यालय के प्रो दिबांशु कुमार, नेपाल के डॉ गोविंद प्रसाद दाहाल, एलएनएमयू की डॉ पुतुल सिंह, सीएम कॉलेज दरभंगा के प्राचार्य प्रो मुश्ताक अहमद, केएसडीएस यूनिवर्सिटी के प्रो दिलीप कुमार झा और प्रो सुरेश्वर झा ने साहित्य, समाज और संस्कृति के अंतरसंबंधों पर विस्तार से चर्चा की।

इस वेब व्याख्यान में देश-विदेश के अलग-अलग हिस्सों से कई प्राध्यापक, शोध-छात्र और विद्यार्थी जुड़े रहे तथा आमंत्रित वक्ताओं से अपने समय और समाज को देखने-समझने की नई दृष्टि प्राप्त की। व्याख्यान के दौरान कुछ फैकल्टी मेंबर्स तथा छात्रों ने अपने ज्ञानवर्धन तथा जिज्ञासा के क्रम में वक्ताओं से सार्थक संवाद भी स्थापित किया।

उक्त जानकारी डॉ कमाल अहमद, सहायक प्राध्यापक (हिंदी) ने दी।  

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