वित्तरहित शिक्षकों की समस्याओं पर डॉ० रणजीत कुमार ने आकृष्ट कराया ध्यान

वित्तरहित शिक्षकों की समस्याओं पर डॉ० रणजीत कुमार ने आकृष्ट कराया ध्यान

Chhapra: जयप्रकाश विश्वविद्यालय स्नातकोत्तर शिक्षक संघ के सचिव और बिहार शिक्षा मंच के संयोजक प्रो० डॉ० रणजीत कुमार ने बिहार के मुख्यमंत्री एवम शिक्षा मंत्री को खुला पत्र लिखकर बिहार के वित्तरहित अनुदानित विद्यालयों एवम महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों की समस्याओं की ओर ध्यान आकृष्ट कराया है.

उन्होंने कहा है कि इन शिक्षण संस्थानों में कार्यरत शिक्षक बरसों से तमाम समस्याओं एवम विसंगतियों का सामना कर रहे है. सरकार द्वारा घोषित एवम प्रवर्तित परीक्षाफल आधारित अनुदान की अपनी सीमा है. बिहार में वित्तरहित इंटरमीडिएट कॉलेजों को शैक्षणिक सत्र 2013 तक का ही अनुदान आवंटित हुआ है. डिग्री कॉलेजों की स्थिति तो और भी बदतर है. जयप्रकाश विश्वविद्यालय से जुड़े संबद्ध महाविद्यालय को तो शैक्षणिक सत्र 2010 तक का ही अनुदान राशि मिला है. स्पष्ट है कि माध्यमिक, उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों का 6 वर्षों का तथा महाविद्यालय का 9 वर्षों का अनुदान राशि बकाया है जिससे इन संस्थानों में कार्यरत शिक्षक घोर आर्थिक परेशानी का सामना कर रहे हैं.

दूसरी ओर जेपीयू से सम्बद्ध महाविद्यालयो में कार्यरत अधिकांश शिक्षकों का भविष्य ही अधर में लटका हुआ है. बिहार सरकार के निदेशानुसार स्वीकृत पदों पर बरसों से कार्यरत शिक्षकों की सेवा नियमितीकरण हेतु चयन समिति का गठन किया गया. चयन समिति की अनुशंसा एवम शासी निकाय के अनुमोदन के उपरांत भी विश्वविद्यालय प्रशासन ने केवल 28 शिक्षकों की सेवा का नियमितीकरण किया, शेष 216 शिक्षकों के मामले को अधर में लटका कर रखा गया है.

विदित हो कि उक्त सभी शिक्षक वर्षों से महाविद्यालय में कार्यरत है तथा अपने जीवन का स्वर्णिम समय महाविद्यालय एवं छात्रों की सेवा में लगाया है. इन शिक्षकों की उम्र अब कोई दूसरी नौकरी पाने लायक नही रह गई है. हर माह शिक्षक अवकाश ग्रहण कर रहे है. अगर इन शिक्षकों को न्याय नहीं मिला तो इनके परिवार व बच्चों को भूखे मरने की नौबत आ जाएगी. वर्षों से बकाया अनुदान एवं सेवा नियमितीकरण नही होने से वित्तरहित शिक्षण संस्थानों की स्थिति सोचनीय हो गई है. ऐसी स्थिति में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की बात बेमानी है. बिहार सरकार यदि राज्य में छात्रों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के प्रति गंभीर है तो तत्काल निम्नलिखित कदम उठाने की जरूरत है.

1.वित्तरहित उच्च विद्यालयो का अविलंब सरकार अधिग्रहण करें.
2.वित्तरहित इंटरमीडिएट एवं डिग्री कॉलेजों के परीक्षाफल आधारित अनुदान के स्थान पर घाटानुदान या वेतनमान दिया जाए ताकि शिक्षा प्रणाली में शुचिता एवं गुणवत्ता लाया जा सके.
3.चयन समिति की सिफारिश एवं शासी निकाय से अनुमोदन प्राप्त शिक्षकों की सेवा नियमितीकरण संबंधी अधिसूचना निर्गत करने हेतु जयप्रकाश विश्वविद्यालय प्रशासन को अविलंब निर्देश जारी किया जाए.
4.बकाया अनुदान की राशि तत्काल निर्गत किया जाए ताकि शिक्षकों को भुगतान किया जा सके.
5.इन शैक्षणिक संस्थानों में कार्यरत शिक्षकों एवं कर्मचारियों की सामाजिकार्थिक सुरक्षा मद्देनजर सेवांत लाभ व पेंशन देने का प्रावधान किया जाए.

वित्तरहित शिक्षकों की समस्याओं के स्थायी समाधान हेतु बिहार सरकार जल्द ही सकरात्मक कदम उठाएगी.

0Shares
A valid URL was not provided.

छपरा टुडे डॉट कॉम की खबरों को Facebook पर पढ़ने कर लिए @ChhapraToday पर Like करे. हमें ट्विटर पर @ChhapraToday पर Follow करें. Video न्यूज़ के लिए हमारे YouTube चैनल को @ChhapraToday पर Subscribe करें