Chhapra: एसएफआई सारण जिला कमिटी के तत्वाधान मे राज्यव्यापी कार्यक्रम के तहत यूजीसी द्वारा जारी की गई परीक्षा सम्बन्धी निर्देश की प्रतियां राजेन्द्र महाविद्यालय के मुख्य द्वार पर जलाकर प्रतिरोध व्यक्त किया गया. अध्यक्ष शैलेन्द्र यादव ने कहा कि हाल ही मे यूजीसी ने एक सर्कुलर जारी कर देश के सभी विश्वविद्यालयों को निर्देशित किया है कि अंतिम वर्ष और अंतिम सेमेस्टर की परीक्षा विश्वविद्यालय अपने सुविधा अनुसार ले सकते है. यह निर्णय छात्र हित के खिलाफ है.
छात्रों को सम्बोधित करते हुए एसएफआई राज्य अध्यक्ष शैलेन्द्र यादव ने कहा कि UGC द्वारा परीक्षा लेने का निर्णय, जब कोरोना वैश्विक महामारी देश मे चरमोउत्कर्ष पर है, छात्र हित के खिलाफ के साथ साथ उनके मानसिक एवं आर्थिक शोषण करने का हथियार है. UGC एवं MHRD षड्यंत्र के तहत छात्रों को कोरोना टेस्ट के रुप मे इस्तेमाल करना चाहती है. इस नापाक इरादे के विरुद्ध देश स्तर पर विरोध कार्रवाइयों आयोजित की जायेगी एवं सरकार को मजबूर होकर अपने इरादे बदलने पडेगे.
नगर उपाध्यक्ष सद्दाब मजहरी ने कहा कि वैश्विक महामारी के बढते प्रकोप के मद्देनजर UGC द्वारा लिया गया निर्णय मानसिक दिवालियापन का नमूना है. इसे फौरन वापस लिया जाना चाहिए. उपाध्यक्ष सरताज खान ने कहा कि जेपी विश्वविद्यालय भी स्नातकोत्तर एवं स्नातक प्रथमखण्ड, द्वितीय खण्ड एवं तृतीय खण्ड के छात्रों को भी बिना परीक्षा आयोजित किये पास करने के विकल्प पर फौरी जरुरी कदम उठाना चाहिए क्योंकि देश मे कई केन्द्रीय विश्वविद्यालय के साथ साथ कई राज्यों के विश्वविद्यालय भी बिना परीक्षा लिए दूसरे कक्षा मे प्रोन्नति दिये है.
एसएफआई सारण जिला कमिटी ने यह आह्वान किया कि UGC अगर परीक्षा आयोजित करने सम्बन्धी सर्कुलर वापस नही लेगी तो छात्र सरकार एवं UGC से अपने भविष्य को सुरक्षित करने हेतु दो दो हाथ करने को तैयार रहे क्योंकि परीक्षा आयोजित करवाना छात्रों को मारने की नपाक षड्यंत्र है. इस कार्यक्रम मे मुख्य रुप से देवेन्द्र कुमार, रौशन पाण्डेय, सौरभ कुमार, पवन मेहरा, विकास कुमार, सुनील कुमार आदि मुख्य रुप से शामिल थे.