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नामांकन के मुद्दे पर केवल पत्राचार का हो रहा खेल: RSA

Chhapra: आरएसए के छात्रा इकाई के पदाधिकारियों की बैठक जयप्रकाश महिला महाविद्यालय छपरा में आयोजित हुई. जिसमें संगठनात्मक मजबूती एवं विस्तार पर चर्चा हुई.

बैठक को संबोधित करते हुए छात्रा इकाई प्रमुख नेहा सिंह ने कहा कि आर एस ए के द्वारा चलाए जा रहे आंदोलन आओ लौट चलें कैंपस की ओर कार्यक्रम को भारी सफलता मिली है और बहुत खुशी की बात है कि प्रत्येक महाविद्यालय में और वर्ग करने छात्र-छात्राएं आ रहे हैं. यह संगठन की बहुत बड़ी जीत है. जिस विश्वविद्यालय में एक भी छात्र छात्राएं पढ़ने नहीं आते थे. संगठन ने ठाना और उसका नतीजा निकला. प्रत्येक महाविद्यालय में प्रत्येक विषय में छात्र-छात्राएं पढ़ने आ रहे है.

अपने संबोधन नेहा सिंह ने कहा कि संगठन द्वारा चलाए गए आंदोलन सत्र 2019 20 स्नातक प्रथम खंड में नामांकन के लिए उसमें राजभवन ने करवाई करते हुए अपने पत्रांक जेपीयू01/3133रा.स(1)दिनांक 6/11/2019 मैं करवाई करने हेतु अपर सचिव ने विश्वविद्यालय प्रशासन को पत्र लिखा है. विश्वविद्यालय प्रशासन ने आज नामांकन समिति की बैठक की और वह बैठक बेनतीजा रहा. इससे स्पष्ट है कि सारण प्रमंडल के छात्र-छात्राओं शिक्षा से वंचित करने के लिए राजभवन और विश्वविद्यालय प्रशासन केवल एक दूसरे को पत्र लिखकर कार्रवाई करने के लिए कह रहा है. लेकिन कोई भी कार्रवाई हो नहीं रही है. केवल छात्र छात्राओं को भरमा ने हेतु पत्राचार का खेल हो रहा है. अनशन के पांचवे दिन विश्वविद्यालय प्रशासन से जो समझौता संगठन का हुआ था. उसमें स्वयं कुलपति ने अपने पत्रांकvc 1054 दिनांक 18 /10/ 2019 के माध्यम से नामांकन लेने हेतु निर्देश राजभवन से मांगा था. उसके बाद राजभवन ने फिर उस आवेदन पर कार्रवाई करने हेतु मनीष पांडे मिंटू संरक्षक आर एस ए के आवेदन पर दिनांक 6/11 /2019 को पत्र लिखा है. फिर भी नामांकन के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन को क्या दिक्कत है? हम लोगों को समझ में नहीं आ रहा है. आखिर सीट रहते कौन सी ऐसी मजबूरी है उन सीटों पर नामांकन लेने का आदेश विश्वविद्यालय प्रशासन नहीं दे रहा है? वह छात्र छात्राओं को बतलावे कब तक पत्राचार का खेल विश्वविद्यालय प्रशासन और राजभवन करते रहेगा? सारण के छात्रों को पढ़ने का हक है कि नहीं स्पष्ट करें.

बैठक में प्रमुख रूप से तीनों जिला के छात्रा इकाई के पदाधिकारी नेहा सिंह, अंजली पांडेय, संगीता कुमारी, दिपा पांडेय, जिननत खातुन, नगमा परवीन, फलक परवीन, मुसकान परवीन, रीना कुमारी, रहीना परवीनआदि मौजद थी.

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