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लॉकडाऊन में औचक निरीक्षण हास्यास्पद एवम गैरजिम्मेदाराना: डॉ रणजीत

Chhapra: जयप्रकाश विश्वविद्यालय स्नातकोत्तर शिक्षक संघ के सचिव डॉ रणजीत कुमार ने विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा बिहार सरकार द्वारा घोषित लोकडाउन के दौरान स्नातकोत्तर विभागों के औचक निरीक्षण एवम अनुपस्थित शिक्षकों, विभागाध्यक्ष एवम संकायाध्यक्ष के विरुद्ध विधिसम्मत कार्रवाई संबंधी समाचार पत्रों में प्रकाशित खबर भ्रामक, अनुचित एवम गैरजिम्मेदाराना तो है ही, जानबूझकर समाज एवम जनता के बीच शिक्षकों की छवि को धूमिल करने का प्रयास है जो अक्षम्य अपराध है।विश्वविद्यालय प्रशासन को कुलसचिव द्वारा निर्गत अधिसूचना संख्या 4580( R) दिनांक 31-05-2021 का अवलोकन करना चाहिए जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि गृह विभाग (आपदा)के द्वारा 31 मई 2021 को जारी निर्देश के आलोक में महाविद्यालय एवम स्नातकोत्तर विभाग 08 मई 2021 तक बंद रहेंगे तथा इस दौरान कर्मी बिना अनुमति के मुख्यालय नहीं छोड़ेंगे।इस अधिसूचना में शिक्षकों को विभाग में उपस्थित रहने संबंधी कोई निर्देश नहीं है।बिहार सरकार द्वारा लोकडाउन संबंधी 31 मई 2021 को जारी गाइडलाइन में शिक्षकों की 25 प्रतिशत उपस्थिति की कहीं कोई चर्चा नहीं है।ऐसे में स्नातकोत्तर विभागों का औचक निरीक्षण करने का ढोंग करना, निरीक्षण से शिक्षकों के बीच हड़कंप मचना और कुलपति द्वारा विधिसम्मत कार्रवाई का निर्देश देने सबंधी बयान का विस्तार से दैनिक समाचार पत्रों में छपना गैरकानूनी ,गैरजिम्मेदाराना एवम अगंभीर कृत्य तो है ही,शिक्षकों को धमकाने वाली भाषा का प्रयोग निंदनीय भी है।विदित हो कि हमारे दो साथी कोरोना संक्रमण की वजह से स्वर्ग सिधार गए तथा दर्जनों शिक्षक अभी भी कोरोना की वजह से अस्वस्थ हैं या पोस्ट कोविद की समस्याओं से जूझ रहे हैं।ऐसे हालात में विश्वविद्यालय प्रशासन की संवेदनहीनता हतप्रभ करने वाली है।स्नातकोत्तर शिक्षक संघ की मांग है कि विश्वविद्यालय प्रशासन अखबारों में प्रकाशित खबरों का खंडन करते हुए खेद प्रकट करे।

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