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4 सितंबर को मांझी और रिविलगंज प्रखंड के प्राइवेट स्कूल मनाएंगे काला दिवस

Chhapra: मांझी और रिविलगंज प्रखंड के प्राइवेट स्कूल के संचालकों ने कहा सरकार हमारे साथ दोरंगी नीति अपना रही है जिले के 16 हज़ार शिक्षकों के सामने भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो गई है. छपरा (सारण) प्रोग्रेसिव प्राइवेट स्कूल ऑर्गेनाइजेशन एंड किड्स वेलफेयर ट्रस्ट की एक बैठक माझी प्रखंड स्थित डॉन बॉस्को स्कूल परिसर में हुई.

इस बैठक की अध्यक्षता अधिवक्ता व संगठन के अध्यक्ष सियाराम सिंह ने की. बैठक में माझी और रिविलगंज के प्रखंड के प्राइवेट स्कूलों के प्राचार्य, निदेशक , संचालक व प्रतिनिधि शामिल हुए. बैठक में मुख्य रूप से महासचिव जमाल हैदर ने संचालकों को बताया की देश में संस्थान बाजार व सारे कार्य शुरू हो चुके हैं पर प्राइवेट स्कूलों के संचालन की अनुमति नहीं दी गई है. इससे लाखों शिक्षकों के सामने बेरोजगारी की समस्या उत्पन्न हो गई है. साथ ही साथ कई शिक्षक भुखमरी के कारण मौत के मुंह में समा गए हैं. आर्थिक तंगी के कारण कई शिक्षकों के परिवार बीमार पड़े हैं.

अध्यक्ष ने कहा कि सरकार स्कूलों और उनके संचालकों को प्रताड़ित कर रही है. 6 माह से स्कूल बंद है उन में कार्यरत शिक्षक शिक्षिका हैं और कर्मी भूखे मर रहे हैं. हर संस्थान को चाहे वह सरकारी हो या गैर सरकारी उन को आर्थिक सहायता दी जा रही है या अनुदान दिया जा रहा है. पर प्राइवेट स्कूलों को किसी प्रकार की मदद नहीं दी जा रही है. इस अवसर पर संचालकों ने भी अपने दर्द बयां की और बताया कि कैसे वे आर्थिक तंगी के शिकार हो चुके हैं. और उनके स्कूल के शिक्षक और कर्मी किस तरह से पीड़ित हैं. सभी ने संकल्प लिया कि 4 सितंबर को यानी शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या में अपने अपने स्कूल परिसर में काली पट्टी लगाकर विरोध प्रदर्शन करेंगे.

बैठक में दीनदयाल यादव, वशिष्ठ कुमार सिंह, संजय कुमार, दिग्विजय सिंह, दशरथ साह, जितेंद्र सिंह, अशर्फी प्रसाद यादव, मनु कुमार, निभा सिंह, धीरज कुमार पाठक समेत दर्जनों स्कूलों के निदेशक संचालक प्राचार्य और प्रतिनिधि उपस्थित थे.

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