Chhapra: जयप्रकाश विश्वविद्यालय प्रशासन पूरी तरह से भ्रष्टाचार में लिप्त है. संगठन शैक्षणिक अराजकता एवं भ्रष्टाचार के खिलाफ चरणबद्ध आंदोलन चलाएगी. उक्त बातें एनएसयूआई के विश्वविद्यालय अध्यक्ष कुणाल सिंह ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कही.
उन्होंने कहा कि स्नातक तृतीय खंड स्नातक प्रथम खंड की परीक्षा लेने की घोषणा विश्वविद्यालय प्रशासन तुरंत करें अन्यथा आंदोलन के लिए तैयार रहें. बिहार विश्वविद्यालय अधिनियम 1976 में स्पष्ट रूप से वर्णित है कि बिना पंजीयन छात्र छात्र होता ही नहीं है फिर भी छात्र संघ चुनाव में सारे छात्रों को मतदाता सूची में मतदाता बना दिया गया. नियम को ताक पर रखते हुए इससे स्पष्ट होता है कि सारे छात्र विश्वविद्यालय के नजर में पंजीकृत छात्र हैं तो क्यों नहीं उनका परीक्षा लिया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि एक ओर राजभवन स्पष्ट निर्देश देता है कि स्वीकृत सीट से अधिक एक भी छात्र की परीक्षा नहीं ली जाए उसके ठीक विपरीत विश्वविद्यालय सारे छात्रों को मतदाता सूची में वोट देने के लिए मतदाता बना दिया जाता है. तो क्या यह सारण प्रमंडल के छात्र केवल वोट देने का लेकिन परीक्षा देने का हक नहीं रखते. क्या मामला विश्वविद्यालय प्रशासन फिर फसा रहा है. एनएसयूआई परीक्षा आयोजन करने के लिए कोई भी कुर्बानी देने के लिए तैयार है. संगठन मांग करती है की कुलपति तुरंत इस्तीफा दें.