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नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति: दो घंटे से ज्यादा अब बच्चों को स्कूल से नहीं मिलेगा होमवर्क, जानिए अन्य जानकारी

New Delhi: होम वर्क स्कूली बच्चों के लिए नियमित टास्क होता है, लेकिन क्या इससे बच्चों को निजात मिलने जा रही है. शिक्षा मंत्रालय द्वारा 12 तक के बच्चों के लिए होम वर्क के नियमों पर बदलाव की सिफारिश की गई है. शिक्षा मंत्रालय ने नई नीति के तहत बच्चों के लिए ये ज़रूरी सिफारिश की है. होम वर्क नहीं देने, स्कूल के बच्चों के बैग का वजन घटाने, स्कूल में वजन करने वाली डिजिटल मशीनें रखने और स्कूल में पीने का शुद्ध पानी उपलब्ध कराने जैसी बातों की सिफारिश की है. साथ में पहियों वाले बैगों पर रोक लगाने की भी अनुशंसा की गई है.

नीति दस्तावेज में कहा गया है कि स्कूल या कक्षा के समय को लचीला बनाने की जरूरत है और बच्चों को खेल एवं शारीरिक शिक्षा तथा स्कूलों में पाठ्य पुस्तकों के अलावा किताबें पढ़ने का पर्याप्त समय दिया जाए. नीति में कहा गया है कि दूसरी कक्षा तक कोई गृह कार्य नहीं दिया जाए और नौवीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों को रोजाना अधिकतम दो घंटे का गृह कार्य दिया जा सकता है. इसमें कहा गया है कि तीसरी, चौथी और पांचवीं कक्षा के विद्यार्थियों को हफ्तें में अधिकतम दो घंटे का गृह कार्य दिया जा सकता है. छठीं से आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों को अधिकतम एक घंटे का गृह कार्य दिया जाना चाहिए.

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप की गई सिफारिशों में कक्षा एक से 10वीं तक के छात्रों के स्कूल बैग का भार उनके शरीर के वजन के 10 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए. इसमें कहा गया है कि इस क्षेत्र में किए गए शोध अध्ययन के आधार पर स्कूल बैग मानक भार को लेकर अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों की सिफारिश है और यह स्वीकार की जाती है.

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