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प्रथम प्रधानमंत्री नेताजी सुभाष चंद्र बोस के रूप में शपथ ली यह तथ्य हमारे इतिहास से हटाया गया, हमसे छुपाया गया: चंदेल

Chhapra: भारतीय शिक्षण मंडल उत्तर बिहार के द्वारा नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भारतीय शिक्षण मंडल के प्रदेश सह मंत्री विश्वजीत सिंह चंदेल ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती है।30 दिसंबर 1943 को भारत की भूमि अंडमान निकोबार में नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी ने भारत का तिरंगा फहराया था तथा स्वतंत्र भारत की प्रथम सरकार बनाई थी तथा स्वतंत्र भारत सरकार के प्रथम प्रधानमंत्री नेताजी सुभाष चंद्र बोस के रूप में शपथ ली। यह तथ्य हमारे इतिहास से हटाया गया, हमसे छुपाया गया.
इस अवसर पर शिक्षक नेता समरेंद्र बहादुर सिंह ने कहा कि आजादी की लड़ाई को नई ऊर्जा देने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी, 1897 को उड़ीसा के कटक शहर में हुआ था। नेताजी की जीवनी और कठोर त्याग आज के युवाओं के लिए बेहद ही प्रेरणादायक है। नेताजी के कई ऐसे विचार है, जिन्हें अपनाकर जीवन के प्रति हमारा नजरिया सकारात्मक होने के साथ हम ऊर्जा से भर जाएंगे। जिला स्कूल नवस्थापित के प्रिंसिपल श्री अर्जुन कुमार सिंह ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस हमेशा कहते थे एक सच्चे सिपाही को मिलिट्री और आध्यात्मिकता दोनों की ट्रेनिंग लेनी चाहिए।संघर्ष किसी भी व्यक्ति को मनुष्य बनाता है। संघर्ष से ही आत्मविश्वास की प्राप्ति होती है।
मैंने अपने अनुभवों से सीखा है, जब भी जीवन भटकता हैं, कोई न कोई किरण उबार लेती है और जीवन से दूर भटकने नहीं देती।माँ का प्यार स्वार्थ रहित और होता सबसे गहरा होता है। इसको किसी भी प्रकार नापा नहीं जा सकता।यदि आपको अस्थायी रूप से झुकना पड़े, फिर भी वीरों की भांति ही झुकना।हमारा कार्य केवल कर्म करना हैं। कर्म ही हमारा कर्तव्य है। फल देने वाला स्वामी ऊपर वाला है।एक व्यक्ति एक विचार के लिए मर सकता है, लेकिन वह विचार उसकी मृत्यु के बाद, एक हजार जीवन में खुद को अवतार लेगा।अपनी ताकत पर भरोसा करो। उधार की ताकत तुम्हारे लिए घातक है। ऐसे विचारों वाले नेता जी थे। इस अवसर पर प्रमुख रूप से अभिषेक अरुणाभ, सुनील कुमार, धनंजय कुमार ,भारतीय शिक्षण मंडल के राकेश कुमार सिंह, छोटेलाल कुमार, रमेश कुमार ,मनोरंजन श्रीवास्तव, संजय कुमार ,धनंजय कुमार समेत अनेकों कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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