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अधिक से अधिक संख्या में बच्चों को आंगनबाड़ी केन्द्रों तक लायें: जिलाधिकारी

Chhapra: समेकित बाल विकास कार्यक्रम आईसीडीएस की समीक्षा बैठक जिलाधिकारी हरिहर प्रसाद की अध्यक्षता में हुई.

बैठक में जिलाधिकारी ने उपस्थित सभी प्रखंडों के सीडीपीओ को माह के अंत तक सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों में प्रतिदिन बनने वाले मेनु की सूची दीवार में पेन्ट कराने का निर्देश दिया. बैठक में उपस्थित सीडीपीओ द्वारा बताया गया कि सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर मेनु की सूची टांग दी गयी है. उन्होंने यह निर्देश दिया कि प्रत्येक प्रखंड के एक चयनित एक प्रखंड जिसे एमडीएम के मामलें में एक आर्दश पंचायत बनाया जाना है. उस पंचायत की सूची सभी सीडीपीओ को शीघ्र ही उपलब्ध करा दिया जाय, ताकि उस पंचायत में समन्विक बाल विकास के कार्यक्रमों को आर्दश रूप में लागू किया जा सकें. पूर्व में एकमा और फकूली पंचायत में इस तरह के कार्य किये गये थे, जिसमें काफी सफलता मिली थी. अधिक से अधिक संख्या में बच्चों को आंगनबाड़ी केन्द्रों तक लायें, बच्चों को स्वच्छता के गुण सिखायें एवं केन्द्र को भी स्वच्छ रखें.

बैठक में उपस्थित जिला प्रोग्राम पदाधिकारी के द्वारा बताया गया कि आंगनबाड़ी केन्द्रों के पुर्नरूद्धार एवं रंगाई-पोताई की राशि प्रखंड को आवंटित कर दी गयी है. जिससे शीघ्र ही स्वच्छता संबंधी कार्य कराया जा सकता है. उन्होंने बताया कि नये आंगनबाड़ी केन्द्र के भवन निर्माण हेतु 58 जगह चिन्ह्ति कर दिया गया है. अंचलाधिकारी के माध्यम से अनापति प्रमाण पत्र प्राप्त नहीं है. जिला पदाधिकारी ने कहा कि तीन दिन के अंदर सीओ के माध्यम से अनापति प्रमाण पत्र उपलब्ध करा दी जायेगी. जिला पदाधिकारी ने उपस्थित सभी पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि ओडीएफ के बारें में लोगों को जागरूक करें, ताकि स्वच्छता संबंधी उपलब्धि को हासिल किया जा सकें.

प्रधानमंत्री मातृ बंधन योजना की समीक्षा के क्रम में पाया गया कि पासवर्ड प्राप्त नहीं रहने के कारण जेनरेटेड आवेदन अपलोड़ नहीं किये जा रहें है, जैसे ही पासवर्ड मिल जायेगा, आवेदनों को अपलोड़ कर लाभुकों को भुगतान कर दिया जायेगा. इस मद में इस योजना के तहत पहली बार गर्भवती महिला को 3 किस्तों में कुल 5,000 रूपया का भुगतान किया जाता है. डीपीओ के द्वारा बताया गया कि 01 अप्रैल 2018 के बाद केवल आधार सीडिंग के आधार पर ही राशि का भुगतान किया जाना है. वर्तमान में मात्र 10 प्रतिशत ही आधार सीडिंग का कार्य हो पाया है. किशोरी बालिका योजना के अन्तर्गत 11 से 14 वर्ष की बालिकाएं जो विद्यालय नहीं जाती है, का सर्वे कर उनकों योजना का लाभ दिलाने का निर्देश दिया गया. इस योजना के तहत 9.50 प्रति दिन के दर से 25 दिनो के लिए पोषण उपलब्ध कराया जाता है.

19 फरवरी को सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर 2 वर्ष के कम आयु के बच्चों को एलबेन्डाजॉल की आधा गोली और 02 वर्ष के उपर के बच्चों को 01 गोली खिलाना है. उस दिन अगर कोई बच्चा छूटता है तो उसे 07 मार्च को मॉ-अप चक्र के दौरान देना है.

इस बैठक में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (आईसीडीएस) सभी सीडीपीओ आदि उपस्थित थे.

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