Chhapra: राष्ट्रीय सेवा योजना राजेंद्र कॉलेज के तत्वावधान में स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम के अंतर्गत सारण के गौरवशाली इतिहास पर व्याख्यान का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रभारी प्राचार्य प्रो. सुशील कुमार श्रीवास्तव ने किया। इस व्याख्यान के मुख्य वक्ता डॉ. सरोज कुमार सिंह थे। प्राचार्य ने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि सारण इतिहास जानना सभी के लिए आवश्यक है क्योंकि अपने यहाँ के संस्कृति की पहचान सभी को होना चाहिए।
मुख्य वक्ता डॉ. सरोज कुमार सिंह ने सारण के गौरवशाली इतिहास पर विस्तार से बताया। उन्होंने कहा की सारण की विरासत और संस्कृति काफ़ी पुरातन और समृद्ध रही है । मुख्य वक्ता ने सारण ज़िला के सांस्कृतिक धरोहरों के बारे में बताया।
प्रारंभ में उन्होंने सारण के पौराणिक महत्व को बताते हुए कहा कि दानी मौर्यध्वज, आमी शक्तिपीठ, हरिहरनाथ, गौतम स्थान, दधीचि आदि का पौराणिक महत्व को जानने की जरूरत है । चिरांद में नवपाषाण युग और ताम्र युग के समय का अवशेष मिला है, जो इसके इतिहास को पुरातन और समृद्ध बनाता है।
उन्होंने आज़ादी के लिए संघर्ष करने वाले वीरों के बारे में बताया। उन्होंने फतेह बहादुर साही, महेंद्र मिश्र, राहुल संकृतायायन, छट्टू गिरी, नारायण सिंह, बहुरिया, भिखारी ठाकुर, राजेंद्र प्रसाद, जय प्रकाश नारायण, मालखाचक के क्रांतिकारी आदि के बारे में बताया।
मंच संचालन डॉ. अनुपम कुमार सिंह ने और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. देवेश रंजन ने किया।
कार्यक्रम में प्रो. एन पी वर्मा, प्रो. विधान चंद्र भारती, डॉ. श्वेता गुप्ता, डॉ. रजनीश यादव, डॉ. सोमनाथ घोष, डॉ. विशाल कुमार सिंह, डॉ. ऐमान रियाज़, भावेश कुमार, जुगनू आरा आदि समेत कई छात्र उपस्थित थे ।