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महाविद्यालयों के प्राचार्यों के साथ जेपीयू के कुलपति ने की बैठक

Chhapra: महाविद्यालय के प्राचार्यों को सम्बोधित करते हुए कुलपति प्रो फ़ारुक़ अली ने कहा कि यदि आपका सहयोग मिला तो हम जरूर सफल होंगे. सभी महाविद्यालय विश्वविद्यालय के अंग हैं इसलिए अंगीभूत तथा सम्बद्ध के बीच सौतेला व्यवहार नहीं होगा. कुलपति ने अध्यक्षीय सम्बोधन में आगे कहा कि मेरे भीतर न राग है और न द्वेष है इसलिए आप सभी से आग्रह है कि आप भी बिना राग-द्वेष के काम करें. यदि किसी शिक्षक व कर्मचारी से कोई भूल होती है तो उससे संवाद कर समझाएं और माफ करें. माफ करने वाला हमेशा बड़ा होता है. इतना ही नहीं समस्याओं को शीघ्रता से समाधान करने का आश्वासन देते हुए कुलपति ने कहा कि हम अंधेरे को कोसने की बजाय एक चिराग जलाने का प्रयास करें. हमें शिक्षण संस्थानों से बहुत स्नेह है इसलिए शीघ्र आपके महाविद्यालय में बिना बुलाये आने वाला हूँ.

कुलपति प्रो. फारूक अली की अध्यक्षता में विश्वविद्यालय के लगभग सभी अंगीभूत तथा सम्बद्ध महाविद्यालय के प्राचार्या / प्राचार्य संग एक बैठक आयोजित किया गया. बैठक की शुरूआत करते हुए कुलपति ने अपना परिचय दिया ततपश्चात प्राचार्यों द्वारा सामूहिक रूप से कुलपति तथा प्रतिकुलपति को पुष्पगुच्छ भेंट कर परिचय प्रस्तुत किया गया. परिचय देते हुए सभी प्राचार्या व प्राचार्य अपने-अपने महाविद्यालय की उपलब्धियों तथा कमियों से अवगत कराया. अधिकांश प्राचार्यों ने बैठक की अध्यक्षता कर रहे कुलपति को आग्रह के साथ अवगत कराया कि महाविद्यालय में कर्मचारियों की संख्या कम है और इंफ्रास्ट्रक्चर के नाम पर नगण्यता है. साथ ही साथ सबने अफ़सोस जताया कि महाविद्यालय में पठन-पाठन का माहौल नहीं बचा है. हमें सबसे पहले विद्यार्थियों को क्लासरूम में बुलाने की जरूरत है क्योंकि महाविद्यालय व विश्वविद्यालय विद्यार्थियों के लिए है और वही नहीं आएंगे तो फिर हमलोग का क्या वजूद है. ऑनलाइन क्लासेस ले रहे अपने शिक्षकों का प्राचार्यों द्वारा तारीफ़ किया गया क्योंकि वे स्वयं के सीमित संसाधन में भी सक्रियता के साथ वर्चुअल शिक्षण जारी रखे हुए हैं. प्राचार्य के परिचय व सम्बोधन के पश्चात प्रतिकुलपति प्रो. लक्ष्मी नारायण सिंह ने अपने संबोधन में सभी प्राचार्यों से आग्रह किया कि आप विश्वविद्यालय के आदेश का अक्षरशः पालन करें. साथ ही आप सभी अपने महाविद्यालय की कक्षाओं में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने का प्रयास करें. महाविद्यालय के लिए आवश्यक संसाधन यथाशीघ्र मुहैया कराए जाएंगे.

बैठक के अंत मे सहायक जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ दिनेश पाल ने अपनी किताब ‘ मेहरुन्निसा परवेज़ का कथा-साहित्य : आदिवासी एवं मुस्लिम स्त्री’ कुलपति को भेंट किया.

बैठक का संचालन करते हुए कुलसचिव सेवानिवृत्त ग्रुप कैप्टन श्रीकृष्ण ने विश्वविद्यालय की सक्रियता व गतिमान कार्य-प्रणाली से सभी को अवगत कराया. बैठक में प्वित्त परामर्शी श्री राकेश कुमार मेहता, वित्त पदाधिकारी प्रो. बसंत कुमार, सहायक जनसम्पर्क पदाधिकारी डॉ दिनेश पाल, डॉ कुमार वरुण एवं सुनील कुमार, विवेक कुमार आदि उपस्थित रहे.

इस आशय की जानकारी सहायक पीआरओ डॉ दिनेश पाल ने दी. 

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