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शिक्षकों का निलंबन अवैध एवम अन्यायपूर्ण: प्रो रणजीत

Chhapra: जयप्रकाश विश्वविद्यालय स्नातकोत्तर शिक्षक संघ के सचिव प्रो रणजीत कुमार ने विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा अचानक 16 शिक्षकों को बिना कारण पृच्छा दिए राजेन्द्र जयंती समारोह में स्थापित एवम मान्य परम्पराओं के उल्लंघन के आरोप में निलंबित करने के निर्णय को एकपक्षीय, अन्यायपूर्ण एवम अवैध मानते हुए तीव्र भ्रत्सना किया है।

विदित हो कि राजेन्द्र महाविद्यालय में राजेंद्र जयंती समारोह के अवसर पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में स्थापित मूल्यों एवम परम्पराओं के उल्लंघन के आरोप में विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा गठित त्रिसदस्यीय जांच समिति के अनुशंसा के आधार पर प्रभारी प्राचार्य सहित 12 नए शिक्षकों को दोषी मानते हुए महंगाई भत्ता सहित एक वेतन वृद्धि काट कर दंडित किया गया।अब एक बार फिर उन्हीं शिक्षकों को उसी अपराध में निलंबित करने का फरमान जारी किया गया है जो भारतीय दंड संहिता एवम मौलिक अधिकार के अनुच्छेद 20(2)का सरासर उल्लंघन है जिसमें प्रावधान है कि एक ही अपराध के लिए एक बार से अधिक अभियोजित एवम दंडित नहीं किया जा सकता है।हद तो यह है कि जांच समिति में शामिल विज्ञान संकायाध्यक्ष, प्रॉक्टर एवम छात्र-कल्याण अध्यक्ष को भी सीधे निलंबित कर दिया गया है।

विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा लिया गया निर्णय एकपक्षीय, अपमानजनक एवम शिक्षक विरोधी तो है ही,इस कार्रवाई से विश्वास एवम भरोसा भी टूटा है।अब कोई शिक्षक कैसे पदाधिकारी बनेगा और किसी कमिटी में शामिल होगा? गौरतलब है कि निलंबित किये गए 12 नए शिक्षकों में कइयों का अभी सेवा संपुष्ट भी नहीं हुआ है।नए शिक्षकों को सेवा शर्त एवम कोड ऑफ कंडक्ट के बारे में जानकारी देने के लिए विश्वविद्यालय ने आज तक कोई कार्यशाला का भी आयोजन नहीं किया है।ऐसे में केवल शिक्षकों को दंडित कर विश्वविद्यालय प्रशासन अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकता है। नए कुलपति ने अल्प समय में ही अपनी लोकतांत्रिक समावेशी कार्यशैली से शिक्षकों व कर्मचारियों का विश्वास जीत लिया था लेकिन इस कार्रवाई से विश्वास एवम भरोसे की डोर टूट गई है।प्रो कुमार ने कहा कि संघ मजबूती से अपने सदस्यों को न्याय दिलाने हेतु संघर्ष करेगा।

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