Chhapra: जयप्रकाश विश्वविद्यालय के अतिथि सहायक प्राध्यापकों के द्वारा अपने सेवा के विस्तार के मामले को लेकर कुलपति के समक्ष धरना दिया. इस दौरान प्राध्यापकों का पांच सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल कुलसचिव डॉ आरपी बबलू से मिला.
अतिथि सहायक प्राध्यापकों ने कहा कि कुलपति द्वारा साक्षात्कार लेकर रिन्यूअल करने की बातें कही जा रही है. जबकि राज्य सरकार और राजभवन के द्वारा जो पत्र है उसमें कहीं भी रिनुअल के लिए साक्षात्कार की बात नहीं की गई है. कुलपति अपने तानाशाही रवैए के साथ पूरे जयप्रकाश विश्वविद्यालय के अतिथि सहायक अध्यापकों को आर्थिक शोषण करने के लिए प्रतिबद्ध लग रहे हैं. इसी दिशा में उनके पदाधिकारियों द्वारा यह बार-बार थोपने की कोशिश की जा रही है.
प्राध्यापकों का कहा था कि बिहार के ही पटना विश्वविद्यालय द्वारा अपने सभी अतिथि सहायक अध्यापकों को बिना साक्षात्कार किए हुए उन्हें जून महीने से 11 महीने का रिनुअल दे दिया गया है. एक ही राज्य में अलग नियम कैसे हो सकते हैं. अतिथि सहायक प्राध्यापकों से विश्वविद्यालय प्रशासन पर पैसा की वसूली का भी आरोप लगाया.
वही कुलसचिव डॉ आरपी बबलू ने कहा कि बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के संकल्प के आधार पर अतिथि सहायक प्राध्यापकों के सेवा का विस्तार किया जाना है. जिसका अक्षरसः पालन विश्वविद्यालय प्रशासन कर रहा है. जिसके लिए कुलपति ने आदेश दिया है. 29 जून को सभी अतिथि सहायक प्राध्यापकों को बुलाया गया है. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय सकारात्मक रुख अपनाते हुए उनके सेवा का विस्तार तय प्रक्रिया से करेगा.
वही दूसरी ओर देर संध्या कुलपति प्रो फारूक अली ने प्राध्यापकों से वार्ता की और उनकी मांगों को स्वीकार करते हुए 29 जून को बगैर अतिथि शिक्षकों की उपस्थिति के ही सेलेक्शन कमिटी अतिथि शिक्षकों की सेवा का नवीनीकरण करेगी ऐसा आश्वासन दिया.
इस दौरान डॉ धर्मेंद्र कुमार सिंह, डॉ हरी महंत कुमार, डॉ मनोज कुमार पांडे, डॉ मनीष कुमार, डॉ रिजवान अहमद, डॉ विभूति दत्त सिंह, डॉ इंद्रकांत बबलू, डॉ राजेश कुमार, डॉ देवराम, डॉ विकास कुमार सिंह, डॉ अमित यादव, डॉ नीतू कुमारी, अनिता कुमारी, नाजिया परवीन, डॉ अनिल कुमार, डॉ जितेंद्र कुमार राम, डॉ सरोज कुमार सिंह, डॉ अनवर अली, डॉ कमलेश कुमार सिंह, डॉ विनोद केसरी आदि उपस्थित थे.