नई दिल्ली, 20 जून (हि.स.)। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने यूजीसी-नेट पेपर लीक मामले की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए छात्रों को आश्वस्त किया कि सरकार छात्रों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि सरकार भविष्य में पेपर लीक की घटनाएं रोकने के लिए जल्द ही एक उच्च स्तरीय कमेटी गठित करेगी जो एनटीए में व्यापक सुधार करेगी।
धर्मेंद्र प्रधान ने गुरुवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार एक उच्च स्तरीय समिति बनाने जा रही है।
एनटीए, इसकी संरचना, कार्यप्रणाली, परीक्षा प्रक्रिया, पारदर्शिता और डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल को और बेहतर बनाने के लिए उस उच्च स्तरीय समिति से सिफारिशें अपेक्षित होंगी।
प्रधान ने आज खुलासा किया कि यूजीसी-नेट परीक्षा का पेपर डार्कनेट पर लीक हो गया था जिसके कारण इसे रद्द कर दिया गया।
उन्होंने कहा कि जैसे ही यह स्पष्ट हो गया कि डार्कनेट पर यूजीसी-नेट का प्रश्नपत्र यूजीसी-नेट के मूल प्रश्नपत्र से मेल खाता है, हमने परीक्षा रद्द करने का फैसला किया।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने एक बार फिर छात्रों को विश्वास दिलाया है कि सरकार उनकी योग्यता को उचित सम्मान दिलाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी।
साथ ही उन्होंने वादा किया कि सरकार नीट परीक्षा में धांधली करने वालों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी। उन्होंने कहा कि एनटीए के किसी भी अधिकारी के दोषी पाए जाने पर उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
प्रधान ने कहा कि नीट परीक्षा के संदर्भ में हम बिहार सरकार के संपर्क में हैं। हमें पटना से कुछ सूचनाएं मिल रही हैं। पुलिस जांच कर रही है और उनकी ओर से एक विस्तृत रिपोर्ट पेश की जाएगी। विश्वसनीय जानकारी मिलने पर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि एक अकेली घटना (बिहार पेपर लीक) से उन लाखों छात्रों पर असर नहीं पड़ना चाहिए, जिन्होंने ईमानदारी से परीक्षा दी थी।
प्रधान ने छात्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए विपक्ष से इस मामले पर राजनीति नहीं करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि नीट मुद्दे का राजनीतिकरण न करें, एकाकी घटना से उन लाखों छात्रों पर असर नहीं पड़ना चाहिए जिन्होंने सही तरीके से परीक्षा पास की है।