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गलत वेतन निर्धारण के कारण शिक्षकों को हो रहा आर्थिक नुकसान: प्रो० रणजीत

Chhapra: स्नातकोत्तर शिक्षक संघ के सचिव तथा बिहार शिक्षा मंच के संयोजक डॉ रणजीत कुमार ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक एवम अपर मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग को एक पत्र लिखकर गलत वेतन निर्धारण के कारण सारण जिला के माध्यमिक एवम उच्चतर माध्यमिक नियोजित शिक्षकों को अन्य जिलों की तुलना में एक वेतन वृद्धि का लाभ कम मिलने की ओर ध्यान आकृष्ट कराया है.

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प्रो० कुमार ने पत्र में लिखा है कि जिला शिक्षा पदाधिकारी, सारण के कार्यालय द्वारा 2014 और उसके बाद नियुक्त माध्यमिक एवम उच्चतर माध्यमिक शिक्षकों का गलत वेतन निर्धारण करने की वजह से बिहार के अन्य जिलों की तुलना में एक वेतन वृद्धि कम मिल रहा है. जिससे अल्प वेतन भोगी शिक्षकों का बेवजह आर्थिक नुकसान हो रहा है.

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उन्होंने कहा कि इस संबंध में शिक्षकों ने कई बार जिला शिक्षा पदाधिकारी, सारण तथा क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक, सारण प्रमंडल को ज्ञापन सौंप कर त्रुटि निवारण का अनुरोध भी किया लेकिन आज तक समस्या का समाधान नहीं हो सका.

उन्होंने बताया कि बिहार सरकार ने 1 जुलाई 2015 से इन शिक्षकों के लिए जो तथाकथित वेतनमान लागू किया, उसमें हर वर्ष जुलाई माह में सभी शिक्षकों को एक वेतन वृद्धि का लाभ मिलने का प्रावधान है. शिक्षा विभाग के निदेशानुसार नियुक्ति तिथि के दो साल बाद से एक वेतन वृद्धि का लाभ प्रत्येक वर्ष मिलना है. इस नियम से जुलाई 2017 या उसके बाद के जिस माह में दो साल की सेवा पूरी होती हो, संबंधित शिक्षकों को एक वेतन वृद्धि का लाभ मिल जाना चाहिए था. लेकिन सारण जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय ने अन्य जिलों से हटकर नियम की गलत एवम मनमानी व्याख्या कर वैसे शिक्षकों को एक वेतन वृद्धि के लाभ से वंचित कर दिया जिनकी नियुक्ति तिथि 01 अगस्त से 30 जून तक थी.

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उन्होंने कहा कि जुलाई 2017 के बाद सीधे जुलाई 2018 में वेतन वृद्धि का लाभ दिया गया. जुलाई 2017 एवम जुलाई 2018 के बीच में जिनकी नियुक्ति तिथि है, उन्हें एक वेतन वृद्धि का लाभ अन्य जिलों की तुलना में कम मिल रहा है. अल्प वेतनभोगी शिक्षकों के साथ यह अन्याय है. इसलिए शिक्षक हित में तत्काल जिला शिक्षा पदाधिकारी, सारण को वेतन निर्धारण संबंधी त्रुटि को दूर करने हेतु निर्देश दिया जाए ताकि सारण जिले के शिक्षकों के साथ न्याय हो सके.

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