Chhapra: स्थानीय सेंट्रल पब्लिक स्कूल के 26वें स्थापना दिवस समारोह का आयोजन शुक्रवार को किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि जयप्रकाश विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. हरिकेश सिंह, विशिष्ट अतिथि डॉ. प्रमेंद्र रंजन सिंह, जिला शिक्षा पदाधिकारी अजय कुमार सिंह तथा शिक्षाविद राम दयाल शर्मा उपस्थित थे.
विद्यालय के निदेशक डॉ सिंह ने अपने संबोधन में विद्यालय की स्थिति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि काफी संघर्ष के बाद विद्यालय आज इस स्थिति पर पहुंचा है. विद्यालय का अपना अनोखा कार्यक्रम निर्धारित किया गया है जिसमें अन्य विद्यालय से तुलना की आवश्यकता नहीं. उन्होंने सामाजिक वातावरण सुदृढ़ करने पर जोर दिया. इस अवसर पर 2008 में प्राणघातक दुर्घटना में रक्षक बने अरविंद सिंह को सम्मानित किया.
मुख्य अतिथि जयप्रकाश विश्वविद्यालय के कुलपति ने अपने संबोधन में विद्यालय प्रबंधन के पूर्वजों को तथा उपस्थित स्वजनों का अभिवादन कर शिक्षकों का वर्गीकरण करते हुए कहा शिक्षक वही है जो अपना बच्चों के आंख में आंख डालकर उनकी जानकारी प्राप्त कर लेता है. उन्होंने बच्चों को भारतीयता की शिक्षा प्रदान करने की सलाह दी. अभिभावकों को आध्यात्मिक शिक्षा प्रदान करने हेतु निदेशक को माह में एक बार शिविर आयोजित करने का आग्रह किया.
जिला शिक्षा पदाधिकारी अजय कुमार सिंह ने अपने संबोधन में विद्यालय के प्रबंधन के साथ में उपस्थित जनों को धन्यवाद देते हुए विद्यालय व्यवस्था तथा शिक्षण पद्धति से काफी प्रभावित हो अपने सुझावों से विद्यालय को लाभान्वित किया. इसके बाद स्वागत गान तथा वंदे मातरम तथा विभिन्न कार्यक्रम में भाग लिए बच्चों को मेडल और सर्टिफिकेट प्रदान कर सम्मानित किया तथा सीबीएसई की परीक्षा उत्कृष्टता प्राप्त छात्रों को तथा विभिन्न खेलकूद के क्षेत्र में छात्रों को प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया.
राम दयाल शर्मा ने अपने संबोधन में कार्यक्रमों की सराहना करते हुए सरकारी एवं गैर सरकारी विद्यालयों की चर्चा करते हुए जोर देते हुए अभिभावक समाज एवं विद्यालय के पारस्परिक संबंध बनाने पर जोर दिया.
प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन की सारण जिला की अध्यक्ष सीमा सिंह ने अपने संबोधन में बच्चों को प्रतिभावान बनने की शुभकामनाएं दी. ड्रा. (प्रो.) प्रमेंद्र रंजन सिंह ने गुणात्मक शिक्षा पर जोर देते हुए निदेशक महोदय द्वारा निर्धारित कार्यक्रम की प्रशंसा की. पूर्ववर्ती छात्रों के उत्कृष्टता प्रमाण पत्र देख काफी प्रभावित हुए तथा बच्चों को प्रतिभावान बनने के लिए प्रोत्साहित किया.
निदेशक डॉ हरेन्द्र सिंह ने इस स्थापना दिवस पर घोषणा किया कि बच्चों के बेहतर भविष्य बनाने के लिए कक्षा आठ से हैं स्कूली शिक्षा के साथ-साथ उनके व्यक्तिगत रूचि के अनुसार एप्टिट्यूड टेस्ट कराकर उनके भविष्य का निर्धारण किया जाएगा. चाहे वह क्षेत्र इंजीनियरिंग का हो मेडिकल का हो बैंकिंग का हो ब्यूरोक्रेट का हो या स्पोर्ट्स का. दसवीं पास करने के बाद अभिभावक या बच्चे भविष्य निर्धारण करने में जो परेशानी या जल्दबाजी करते थे उसको विद्यालय के माध्यम से मैं आठवीं से ही आसान और व्यवस्थित करने का प्रयास करूंगा इसके लिए प्रत्येक क्षेत्र के विशेषज्ञों विद्यालय परिसर में बुलाकर पूरे वर्ष समय-समय पर वर्कशॉप प्रोग्राम कैरियर ओरियंटेशन प्रोग्राम एंड करियर काउंसलिंग प्रोग्राम के माध्यम से अभिभावकों छात्र एवं छात्राओं तथा विशेषज्ञों का सम्मिलित रूप से आयोजन होता रहेगा. शायद छपरा के लिए यह शिक्षण पद्धति में यह पहला प्रयास है जिससे भविष्य निर्माण के साथ-साथ भविष्य के परिणाम का भी काम ना किया जा सकता है. ऐसा करने के लिए विद्यालय में उपस्थित अभिभावकों एवं छात्र-छात्राओं तथा आए हुए सभी सम्मानित अतिथियों का स्वर मत से ताली बजा करके प्रशंसा करते हुए शिक्षा के क्षेत्र में एक नया कदम बताया जो समय की मांग है.
धन्यवाद ज्ञापन प्राचार्य फतेह बहादुर सिंह ने किया तथा मंच का संचालन विद्यालय प्रबंधक विकास कुमार ने किया.