Chhapra: जयप्रकाश विश्वविद्यालय हमेशा से नए नए विवादों में रहा है. छात्रों-शिक्षकों की समस्या से लेकर विवि की कार्यशैली से सभी वाकिफ है.
ताज़ा मामला कुलपति द्वारा छात्र संघ के नवनिर्वाचित अअध्यक्ष को अपनी कुर्सी दे देने का है. दरअसल छात्र संघ चुनाव के बाद छात्र संघ अध्यक्ष अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के रजनीकांत सिंह ने छात्र संघ कार्यालय के लिए कुर्सी, टेबल, अलमीरा समेत उपस्करों की लम्बी सूची विश्वविद्यालय प्रशासन को सौंपी थी. जिसको पूरा करमें विवि प्रशासन विफल था. छात्र संघ के दबाब के कारण विवि प्रशासन ने गुरुवार को छात्रसंघ कार्यालय के लिए कुर्सी, टेबल उपलब्ध करा दिया. ऐसी चर्चा है कि जो कुर्सी, टेबल छात्रसंघ कार्यालय के लिये मुहैया कराया गया है वह विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ हरिकेश सिंह के चेम्बर में लगा हुआ था.
इस संबंध में जब विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ हरिकेश सिंह से पूछा गया तो उन्होंने ऑन कैमरा कुछ बोलने से इनकार कर दिया, लेकिन गांधीगिरी दिखाते हुये कहा कि जब छात्रसंघ के पदाधिकारियों की यही जिद है तो मैं जमीन पर बैठकर भी विश्वविद्यालय का काम कर लूंगा.
वही इस मामले पर छात्र संघ के अध्यक्ष रजनीकांत सिंह ने कहा कि उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन से कुर्सी, टेबुल समेत अन्य सामानों की मांग की थी. विश्वविद्यालय ने इसे कहा से कैसे उपलब्ध कराया है यह विश्वविद्यालय प्रशासन ही बता सकता है.
दूसरी ओर इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए छात्र संगठन आरएसए के प्रवक्ता भूषण सिंह ने कहा कि जयप्रकाश विश्वविद्यालय में कुछ छात्र संगठन छात्र हित का कार्य नहीं होने देना चाहते हैं इसका जीता जागता उदाहरण देखने को मिला है. विश्वविद्यालय कैंपस में छात्रसंघ कार्यालय में कुलपति के कुर्सी पर छात्रसंघ अध्यक्ष बैठे थे. कुलपति के कार्यालय की सारी कुर्सियां छात्र संघ कार्यालय में लगी हुई थी. छात्र संघ के पदाधिकारी लोग जिस दिन शपथ ले शपथ लिए उसके ठीक अगले दिन अखबारों की सुर्खियां बनी कि हम कुर्सी पर नहीं बैठेंगे जब तक परीक्षाएं नहीं होंगे उस परीक्षा के लिए बैठने की बात कही गई थी लेकिन बात दूसरी थी बातें यह थी कि कुलपति के कुर्सी पर इन्हें बैठना था इसलिए कुर्सी पर यह नहीं बैठ रहे थे परीक्षा के लिए एक भी आंदोलन का ना चलाना और फिर कहना कि सारी परीक्षाएं हमारे सकारात्मक विचार के वजह से हो रहे हैं यह भद्दा और गंदा मजाक है. कुलपति का कहना है छात्रों का कार्य हम नीचे बैठकर भी कर सकते हैं लेकिन छात्र प्रतिनिधि पुरानी कुर्सियों पर नहीं बैठेंगे उन्हें तो नई कुर्सियां चाहिए इसलिए उनको हमने अपनी कुर्सी दे दे दी. संगठन ऐसे हरकत करने के लिए छात्रसंघ की निंदा करती है.