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बिहार टीईटी सीटीईटी उत्तीर्ण शिक्षक अभियर्थियों ने आंदोलन का किया ऐलन

Chhapra: बिहार टीईटी सीटीईटी उत्तीर्ण शिक्षक अभियर्थियों की बैठक गुरूवार को शिशु पार्क, छपरा में जिलाध्यक्ष ब्रजेश कुमार सिंह की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई. बैठक का संचालन पीयूष तिवारी ने किया. बैठक में उपस्थित अभ्यर्थियों नें सरकार पर शिक्षा विरोधी नीति का आरोप लगाते हुये कहा कि राज्य के प्रारंभिक विद्यालयों में शिक्षकों के 02 लाख से अधिक पद वर्षों से रिक्त पड़े है. इधर टीईटी की परीक्षा उत्तीर्ण होने के बावजूद शिक्षक बहाली का इंतजार कर रहे है. कुछ अभ्यर्थियों के उम्र सीमा भी समाप्ति के कगार पर हैं.


जिला सचिव जयप्रकाश सिंह ने कहा कि एक तरफ सरकार राज्य में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने की दावा करती है. वहीं दूसरी तरफ 50 हजार की संख्या में टीईटी उत्तीर्ण प्रशिक्षित अभ्यर्थी दर-बदर भटक रहे है. फिर भी टालमटोल का सिलसिला अभी भी जारी है. पहले सरकार नियोजित शिक्षकों के सुप्रीम कोर्ट में चल रहे वेतन मामले का हवाला देकर बहाना करती रही, अब शिक्षकों के समायोजन के बाद बहाली करने की बात कही जा रही है. ऐसे में देखा जायें तो सरकार की मंशा साफ नहीं है समायोजन के आड़ में बहाली को बेवजह लटकाना चाह रही है.

अभियर्थियों ने कहा कि 01 जून 2019 को शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक थी. उसमें निर्णय लिये गये कि हाईस्कूलों में जून माह से 32,000 हजार शिक्षकों की बहाली प्रक्रिया प्रारंभ होगी, जिसमें एसटीईटी अभ्यर्थी पर्याप्त संख्या में मिल नहीं रहें है. वहीं प्रारंभिक विद्यालयों में शिक्षकों का समायोजन करने के बाद शिक्षकों की बहाली प्रक्रिया प्रारंभ होने की बात की जा रही है. जहाँ हजारों टीईटी अभ्यर्थी बेरोजगार पड़े है. इस तरह दोहरी नीति की वजह से सभी अभ्यर्थी अपने भविष्य को लेकर काफी चिंतित एवं परेशान है. समान काम-समान वेतन का मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन होने का हवाला देकर शिक्षामंत्री, उपमुख्यमंत्री एवं अन्य द्वारा डेढ़ साल से आश्वासन दिया जा रहा कि फैसला आने के 10 दिन के भीतर बहाली प्रक्रिया प्रारंभ हो जायेगी, जो की आ चुका है. अब शिक्षकों के समायोजन के नाम पर बहाली में अनावश्यक देरी जानबुझ कर की जा रही है. वर्ष 2008, 2010 एवं समय समय पर समायोजन का काम किया जा चुका है, हालांकि इसे बहाली के बाद भी किया जा सकता है. क्योंकि प्रारंभिक विद्यालयों में रिक्तियाँ पर्याप्त संख्या में है. सरकार की दोहरी नीति की वजह से हजारों टीईटी अभ्यर्थियों का भविष्य दांव पर लगा है.

उन्होंने कहा कि हाईस्कूलों के साथ ही प्रारंभिक विद्यालयों में भी यदि बहाली प्रक्रिया अविलम्ब प्रारंभ नहीं की गई तो सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुये 10 जून से पटना गर्दनीबाग में चरणबद्ध तरीके से आंदोलन-प्रदर्शन करेंगे. टीईटी अभ्यर्थियों ने इस आंदोलन को सफल बनाने के लिए अधिक से अधिक की संख्या में पटना पहुंचने का भी संकल्प लिया. मौके पर गौरव सिन्हा, काबिल आजाद, जयप्रकाश सिंह, धुपेन्द्र तिवारी, धर्मेंद्र गिरी, बलराम यादव, आशुतोष कुमार, सन्देश शर्मा, साबिर हुसैन, संजय रेड्डी, जयनाथ प्रसाद, सुनील राय, प्रत्युष पुष्कल, अरविंद कुमार, मुकुल कुमार, मुकेश कुमार, शैलेश कुमार आदि उपस्थित थे.

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